21वीं सदी में महिलाएं एक तरफ जहां पुरुषों संग कंधे से कंधा मिला कर चल रही हैं, वहीं उनके साथ हैवानियत बदस्तूर जारी है. शहर हो या गांव महिलाओं के प्रति कुछ पुरुषों का नजरिया अभी भी नहीं बदला है. महिलाओं को भोग की वस्तु समझने वाले कुछ हैवान अपनी हवस की प्यास मिटाने के लिए उनकी इज्जत तार-तार करने से नहीं चूकते हैं.
16 दिसम्बर, 2012 को हुए दुनिया को दहला देने वाले निर्भया कांड की बात हो या 1973 में अपने ही अस्पताल में रेप का शिकार हुई अरुणा शानबाग की कहानी, इंसानी समाज में किसी बदनुमे दाग से कम नहीं है. जिस्म के भूखे भेड़ियों की इन करतूतों से इंसान क्या भगवान भी शर्मसार हो जाए.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के साल 2013 के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर दिन 92 रेप की घटनाएं होती है. राजधानी दिल्ली में यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है. निर्भया कांड के बाद साल 2013 में यहां रेप के 1636 केस दर्ज हुए हैं. पिछले साल की तुलना में 18.63 फीसदी रेप के मामले बढ़े हैं. वहीं, भारत में रेप के कुल 33 हजार 707 केस दर्ज हुए. इनमें 4.85 फीसदी दिल्ली के थे.
दिल्ली के बाद दूसरे पर मिज़ोरम और तीसरे स्थान पर सिक्किम है. मिजोरम में रेप की दर 17.8 फीसदी है, तो वहीं सिक्किम में 14.58 फीसदी है. एमपी में यह दर 12.11 फीसदी है. यूपी में कुल 32 हजार 546 केस दर्ज हुए हैं, लेकिन महिलाओं की संख्या अधिक होने से इसकी दर 10.5 फीसदी है.
336 फीसदी बढ़े बच्चों से रेप के मामले
एशियन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स के आंकड़ों के मुताबिक, 2001 से 2011 के बीच बच्चों से रेप के मामलों में 336 फीसदी बढोतरी हुई. इन 10 सालों में 48 हजार 338 केस दर्ज किए गए हैं. मध्य प्रदेश में बच्चों के साथ सबसे ज्यादा रेप के मामले दर्ज हैं. यहां आंकड़ा 9 हजार 465 है.
देश को दहला देने वाली दस घटनाएं
1. निर्भया कांड
चलती बस में साल 2012 में एक लड़की के साथ गैंगरेप किया गया था. उस समय युवती अपने दोस्त के साथ लौट रही थी. इस मामले में एक नाबालिग भी आरोपी है. उसे जुवाइनल कोर्ट ने चार साल की सजा सुनाई है. एक आरोपी राम सिंह ने जेल में खुदकुशी कर ली थी. बचे चार आरोपियों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है.
इस मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया था. पूरा देश इस घटना के खिलाफ सड़कों पर उतर गया था. आरोपियों ने लड़की के साथ रेप करने साथ ही हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थीं. उसके प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड घुसा दी थी. बुरी तरह से जख्मी निर्भया को बचाने के लिए बहुत कोशिश हुई, लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई. इसी घटना के बाद देश में रेप के खिलाफ सख्त कानून की मांग हुई थी.
2. मोहनलालगंज गैंगरेप
जुलाई, 2014 में लखनऊ के मोहनलाल गंज इलाके के बलसिंहखेडा गांव के प्राथमिक स्कूल में एक युवती की निर्वस्त्र लाश मिलने से सनसनी मच गई थी. उसके साथ रेप करके हत्या कर दी गई थी. स्कूल के बरामदे में खून ही खून बिखरा पड़ा था. महिला के प्राइवेट पार्ट में किसी ठोस चीज से हमला किया गया था. उसके कपड़े और चप्पल पास में ही मिले थे.
पुलिस की तहकीकात में महिला का हत्यारा अस्पताल का गार्ड निकला, जिसमें महिला नौकरी करती थी. पुलिस पूछताछ में गार्ड रामसेवक यादव ने रेप और हत्या की बात कुबूल ली थी, लेकिन गैंगरेप से इनकार किया था.
3. बदायूं कांड
यूपी के बदायूं के कटरासहादतगंज गांव में आम के पेड़ की डाली से दो युवतियों का शव मिलने के बाद सनसनी मच गई थी. मेडिकल रिपोर्ट में दोनों के साथ रेप करके हत्या की बात सामने में आई थी, लेकिन इस मामले में जबरदस्त राजनीति होने की वजह खूब लीपापोती की गई. यूपी पुलिस की जांच से असंतुष्ट परिजनों की मांग पर सरकार ने सीबीआई को इसकी जांच सौंप दी थी.
सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में दोनों बहनों द्वारा आत्महत्या की बात कही है. सीबीआई की थ्योरी परिजनों, पॉलिटिकल पार्टियों सहित मीडिया के गले नहीं उतर रही है. घटनास्थल की यथास्थिति को देखते हुए मीडिया रिपोर्टों में सीबीआई की थ्योरी पर सवाल उठाया गया है. मामला अभी कोर्ट में चल रहा है. क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ पीड़ित बहनों के परिजनों ने आपत्ति दाखिल की है. सभी आरोपी जमानत पर हैं.
4. अरुणा शानबाग रेप केस
मुंबई के एक अस्पताल में हुआ यह कांड आज भी चर्चा में है. अभी हाल ही में इसकी पीड़िता अरुणा शामबाग की मौत हुई है. पीड़िता ने अपनी हालत देखते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया था.
साल 1973 को अस्पताल के एक वार्ड ब्वॉय ने अरुणा के गले में कुत्तों की जंजीर बांधकर घटना को अंजाम दिया था. इसके बाद अरुणा कोमा में चली गईं थीं. तबसे वह अस्पताल के बिस्तर पर ही पड़ी हुई थीं. इस घटना के आरोपी सोहनलाल को सात की सजा हुई थी.
5. प्रियदर्शिनी मट्टू केस
दिल्ली यूनिवर्सिटी की लॉ स्टूडेंट प्रियदर्शिनी मट्टू की जनवरी 1996 में घर में ही रेप के बाद हत्या कर दी गई थी. कोर्ट में यह केस 14 साल तक चला. हाईकोर्ट ने इस मामले में मुख्य आरोपी संतोष कुमार सिंह को दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी.
बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले में थोड़ी तब्दीली करते हुए उसकी मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया था. प्रियदर्शिनी एक जिंदादिल लड़की थी. उसका सपना वकील बनने का था.
6. शोपियां रेप केस
कश्मीर में हुई इस वारदात ने पूरे देश को हिला दिया था. 29 जून, 2009 को शोपिया अपनी बहन के साथ घर से अचानक गायब हो गई. दूसरे दिन ही उनके घर से कुछ ही दूरी पर दोनों की लाशें बरामद हुईं. दोनों की रेप के बाद हत्या की गई थी. इसके बाद पूरा कश्मीर उबल उठा था.
7. मथुरा रेप कांड
महाराष्ट्र के चंदरपुर के मथुरा में एक 14 साल की आदिवासी लड़की के साथ थाने में दो पुलिसवालों ने रेप किया था. कोर्ट तक केस पहुंचने से पहले ही यह साबित कर दिया गया था कि मथुरा को शारीरिक संबंधों की आदत है. उसकी इच्छा से ही पुलिसवालों ने संबंध बनाए थे. इसी आधार पर कोर्ट से आरोपी पुलिसवाले छूट गये थे. यह केस भी काफी चर्चित हुआ था. इस घटना के बाद देश में रेप कानूनों में संशोधन हुआ था.
8. अंजना रेप केस
सन् 1999 में ओडिशा के भुवनेश्वर में हुआ यह कांड इसलिए भी काफी चर्चित हुआ था, क्योंकि यह हाई प्रोफाइल लोगों से जुड़ा था. अंजना मिश्रा इंडियन फॉरेस्ट सर्विस के एक अफसर की पत्नी थी. उन्होंने यह आरोप लगाया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री जेबी पटनायक और उनके मित्र ने उनका रेप करवाया था. इसके बाद पार्टी की छवि को ठेस पहुंची और मुख्यमंत्री को पद छोड़ना पड़ा था. आरोपियों में से दो को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.
9. गोवा रेप केस
2009 में अपने पैरेंट्स के साथ ब्रिटेन से भारत आई 15 साल की स्कारलेट अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ गोवा के बीच पर गई थी. यहां पर उसके साथ कुछ लोगों ने रेप किया और समुद्र में डुबोकर मार दिया था.
10. चलती कार में गैंगरेप
हाल ही में दिल्ली में डिफेंस कॉलोनी में महिला के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया है. पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने 25 साल की एक महिला को डिफेंस कॉलोनी के फ्लाई ओवर से अगवा किया गया और चलती कार में उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया. पुलिस ने इस मामले में ऑटो चालक की सूचना पर पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
क्या कहता है कानून
रेप के खिलाफ सरकार ने नया कानून बनाया है. इसमें इन बातों का प्रावधान है-
- रेप करने वाले अपराधी को 20 साल की सजा या उम्रकैद हो सकती है.
- ऐसे अपराधों के लिए पहले भी दोषी ठहराए गए अपराधियों को मौत की सजा दी जा सकती है.
- पीछा करने और घूर-घूर कर देखने को गैर जमानती अपराध घोषित किया गया है.
- तेजाबी हमला करने वालों को दस साल की सजा का भी कानून में प्रावधान किया गया है.
- कानून में सहमति से यौन संबंध बनाने की उम्र 18 साल तय की गई है.
- कानून में न्यूनतम सात साल की सजा का प्रावधान किया गया है.
- कानून में भारतीय साक्ष्य अधिनियम में संशोधन किया गया है. इसके तहत रेप पीड़िता यदि अस्थायी या स्थायी रूप से मानसिक या शारीरिक रूप से अक्षम हो जाती है, तो उसे अपना बयान दुभाषिए या विशेष एजुकेटर की मदद से न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराने की भी अनुमति दी गई है. इसमें कार्यवाही की वीडियोग्राफी करने का भी प्रावधान किया गया है.