दुनिया के सामने भारत ने शनिवार को समंदर में अपनी ताकत का लोहा मनवा लिया. इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू में नौसेना बेड़े की समीक्षा के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पहुंचे. मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर भी उनके साथ मौजूद थे. जानते हैं इस औपचारिक समारोह की 10 खास बातें -
1. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आईएनएस सुमित्रा पर सवार होकर नौसेना के बेड़े का मुआयना किया. आईएनएस सुमित्रा एक गश्ती जलपोत है. इसी के डेक पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई थी.
2. राष्ट्रपति के जलपोत के पीछे जहाजों की कतार में चौथा जहाज आईएनएस सुनैना था. इसी पर समारोह कवर करने आए मीडियाकर्मियों के रुकने का इंतजाम है.
3. इस बार फ्लीट रिव्यू में भारतीय नौसेना के 71 जहाज हैं. इनमें पहली बार आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विराट दोनों शामिल हैं. दोनों ने एक साथ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया. आईएनएस विराट जल्द ही भारतीय नौसेना बेड़े को अलविदा कह देगा. इससे ठीक पहले वह इस परेड का हिस्सा बना.
4. इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू में लगभग 51 देशों की नौसेनाएं और 24 विदेशी जहाज सहित 70 जंगी जहाज हिस्सा ले रहे हैं.
5. ब्रिटेन में साल 1415 में शुरू हुए इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू भारत में आजादी के बाद 10 बार हो चुका है.
6. मेक इन इंडिया मुहिम के तहत नौसेना के बेड़े में स्वदेशी जंगी जहाज शामिल हो रहे हैं. आईएनएस कोलकाता, कमोरता, शिवालिक जैसे समेत कई स्वदेशी जहाजों ने राष्ट्रपति को सलामी दी.
7. नौसेना के बेड़े में दिखा महिला शक्ति का प्रदर्शन. रंगबिरंगी बोट पर सवार महिला अधिकारियों की बोटों की टुकड़ी ने भी परेड में हिस्सा लिया. ये महिला अधिकारी आने वाले दिनों में इन रंगबिरंगी बोट पर सवार होकर दुनिया की सैर पर जाने वाली हैं.
8. समंदर के ऊपर और नीचे हर मोर्चे पर दिखी नौसेना की ताकत. पानी की सतह पर जंगी जहाज मौजूद थे तो समंदर की गहराई में पनडुब्बी. पहली बार एक साथ पनडुब्बी सिंधुराज, सिंधुवीर भी परेड में हिस्सा लिया.
9. आसमान में एक तरफ सीकिंग, चेतक, एएलएच डॉर्नियर हैलिकॉप्टर उड़ान भर रहे थे तो दूसरी तरफ लड़ाकू विमान मिग 29के आसमान में अपनी ताकत दिखा रहा था.
10. बंगाल की खाड़ी में करीब दो घंटे तक जंगी जहाजों की इस परेड के जरिए नौसेना ने समंदर में अपनी पहचान और पकड़ बढ़ाने का शानदार प्रदर्शन किया. इस समारोह पर पूरी दुनिया की नजर थी.