तमिलनाडु में मुख्यमंत्री ओ पन्नीसेल्वम की विदाई और एआईएडीएमके की नई महासचिव शशिकला नटराजन की ताजपोशी से पहले सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है. मंगलवार की रात पन्नीरसेल्वम का जयललिता की समाधि पर पहुंचकर ध्यान लगाने और उसके बाद शशिकला के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक देने से राज्य में बड़ा सियासी संकट खड़ा होता दिखाई दे रहा है. पढ़िए तमिलनाडु की राजनीति में पिछले 24 घंटे की सियासत का बदलता घटनाक्रमः
जया ने बनाया पन्नीरसेल्वम को सीएम
पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के गंभीर रूप से बीमार हो जाने और अस्पताल में भर्ती हो जाने के बाद उनके विश्वस्त ओ पन्नीरसेल्वम ने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. जया के निधन के बाद भी पन्नीरसेल्वम सीएम बने रहे.
जया के बाद पार्टी की कमान शशिकला को
जया के बाद राज्य की सियासत में पहला बड़ा बदलाव 29 दिसंबर को हुआ जब जयललिता की सहयोगी रही शशिकला नटराजन को एआईएडीएमके का नया महासचिव चुना गया. तभी से तय हो गया था कि पन्नीरसेल्वम की कुर्सी अब सिर्फ शशिकला के रहम के भरोसे है.
पार्टी के बाद सरकार पर भी शशिकला की नजर
आखिरकार वही हुआ जिसकी अटकलें थीं. पिछले रविवार यानी 5 फरवरी को अन्ना द्रमुक के विधायकों-सांसदों की बैठक हुई जिसमें शशिकला को विधायक दल की नेता चुन लिया गया. इसके बाद ओ पन्नीरसेल्वम ने भी राज्यपाल सी विद्यासागर राव को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
बागी हुए पनीरसेल्वम, शशिकला के खिलाफ फूंका बिगुल
घटनाक्रम तब बदला जब मंगलवार शाम जयललिता की समाधि पर पहुंच पन्नीरसेल्वम ने कहा कि मुझे जया की आत्मा ने सबको सच बताने को कहा है. शशिकला गुट मुझ पर दबाव बना रहा है. अगर पार्टी कार्यकर्ता चाहें तो मैं अपना इस्तीफा वापस ले सकता हूं. पन्नीरसेल्वम ने ये भी कहा कि मैं मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था, लेकिन अम्मा जब अस्पताल में थीं तो उन्होंने कहा कि पार्टी और सरकार बचाने के लिए मैं पद ग्रहण करूं.
शशिकला भड़कीं, पन्नीरसेल्वम को पार्टी से निकाला
ओ. पन्नीरसेल्वम की खुली बगावत से नाराज AIADMK की महासचिव शशिकला नटराजन ने उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. मंगलवार देर रात को ये फैसला लिया गया. इससे पहले उन्हें कोषाध्यक्ष पद से हटाया गया. उनके स्थान पर डिंडीगुल श्रीनिवासन को पार्टी का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया.
विधायकों को लुभाने में लगे हैं दोनों नेता
तमिलनाडु के 234 सदस्यीय विधानसभा में सत्ताधारी AIADMK के पास 134 विधायक हैं. ऐसे में बगावत पर उतारू पन्नीरसेल्वम को बहुमत के लिए 118 विधायकों की दरकार होगी. हालांकि अभी 50 विधायकों के समर्थन का दावा करने वाले पन्नीरसेल्वम यह भी कहते हैं कि वह विधानसभा में अपनी शक्ति दिखाएंगे. फिलहाल पन्नीरसेल्वम जहां शशिकला पर जबरन उन्हें पद से हटाने और सत्ता हथियाने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं शशिकला पन्नीरसेल्वम को पार्टी का गद्दार बताते हुए उनके विद्रोह के पीछे डीएमके की साजिश बता रही हैं. शशिकला ने साफ कर दिया है कि कोई भी विधायक पन्नीरसेल्वम की बातों में न आए वहीं पन्नीरसेल्वम ने भी समर्थकों से कहा है कि अगर वे कहेंगे तो वो सीएम पद से अपना इस्तीफा वापस ले लेंगे
चुनाव आयोग ने भी मांगी जानकारी
इस बीच चुनाव आयोग ने भी शशिकला को पार्टी महासचिव बनाए जाने पर और तफ्सील से जानकारी मांगी है. शशिकला की पार्टी महासचिव पद पर नियुक्ति की सूचना एआईएडीएमके ने चुनाव आयोग को दी थी. आयोग ने उसी सूचना पर और डिटेल मांगी है. आयोग जानना चाहता है कि नियुक्ति के लिए पार्टी संविधान की पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया अथवा नहीं.
शशिकला को रोकने के लिए कोर्ट मे भी अर्जी
वीके शशिकला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस चल रहा है. जिस पर अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ सकता है. अगर शशिकला दोषी ठहराई जाती हैं तो राज्य में फिर से राजनीतिक अस्थिरता आ जाएगी और शशिकला के मुख्यमंत्री बनने की ख्वाहिश पर पानी फिर सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने उन याचिकाओं के समूह पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिनमें शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों के खिलाफ 66.65 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति के मामले में उन्हें बरी किए जाने की चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक जनहित याचिका भी दायर हुई है, जिसमें शशिकला को मुख्यमंत्री पद की शपथ से रोकने की मांग की गई है. क्योंकि डीए मामले में दोषी करार होने पर अगर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा तो कानून व्यवस्था खराब हो सकती है.
जया की मौत के हालात पर भी उठ रहे हैं सवाल
इस सियासी घटनाक्रम में एक नया एंगल जयललिता की मौत के कारणों पर जताया जा रहा संदेह भी है. तमिलनाडु विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पी.एच.पांडियन तथा उनके बेटे व पूर्व सांसद मनोज पांडियन ने दावा किया कि जयललिता ने उनसे एक बार कहा था कि उन्हें जहर देकर मारा जा सकता है. इसके अलावा जया की भतीजी ने भी शशिकला पर हमला बोलते हुए जया की बीमारी का राज सबसे छुपाने और उन्हें परिवार व अन्य समर्थकों से न मिलने देने का आरोप लगाया. पन्नीरसेल्वम भी इसे मुद्दा बना रहे हैं और मामले की जांच की मांग कर रहे हैं.
अब क्या होगा
राज्य का घटनाक्रम देखते हुए अब राज्यपाल विद्यासागर राव की भूमिका अहम हो गई है. राज्यपाल शशिकला को शपथ ग्रहण के लिए बुलाते हैं अथवा नहीं अब सबकी निगाहें इसीपर लगी हुई हैं