जम्मू कश्मीर में इस साल आतंकवाद निरोधी अभियानों में 102 आतंकवादी मारे गए जबकि 29 सैन्यकर्मी शहीद हुए. डिफेंस PRO कर्नल एस डी गोस्वामी ने कहा, ‘इस साल के दौरान 102 आतंकवादी मारे गए हैं और 47 को पकड़ा गया है और एक ने आत्मसमर्पण किया है.’
उन्होंने कहा, ‘प्रॉक्सी वॉर के प्रस्तावक विधानसभा चुनाव को बाधित करने के लिए अधिकतम घुसपैठ का प्रयास करके आतंकवादियों को भेजने के लिए बेचैन थे. सेना ने घुसपैठ के अनेक प्रयासों को विफल कर दिया.’ उन्होंने बताया कि सेना ने नियंत्रण रेखा पर अलग-अलग अभियानों में विभिन्न तरह के 394 हथियार भी बरामद किए. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने 15 IED लगाए थे, लेकिन इसका पता लगाया गया और सेना ने इसे निष्क्रिय कर दिया. इसके साथ ही सेना ने बड़े हादसे को टाल दिया.
PRO ने बताया कि इस साल राज्य में आतंकवाद निरोधी अभियान के दौरान सेना के 29 लोगों की मौत हुई और 45 लोग गंभीर रूप से घायल हुए. उन्होंने कहा, ‘सेना गैर राजनैतिक बल है और सीधे चुनाव प्रक्रिया में शामिल नहीं होती है. सेना की एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने की भूमिका है और हमने सतर्क रहकर वैसा किया. सही खुफिया सूचना के आधार पर बेहद सटीक रूप से अथक अभियान चला रहे हैं. इसके परिणामस्वरूप आतंकवादी हस्तक्षेप नहीं कर सके.’
PRO ने कहा, ‘जम्मू कश्मीर में सुरक्षा स्थिति का अंतरराष्ट्रीय सीमा और सीमा पार से एलओसी से घुसपैठ से सीधा संबंध है.’ PRO ने कहा, ‘हम घुसपैठ को रोकने के लिए घुसपैठ रोधी रणनीति अपनाने को प्राथमिकता दे रहे हैं जिसमें प्रौद्योगिकी और मानव संसाधन का उचित मिश्रण है.’ उन्होंने कहा, ‘असली आतंकवादी खतरा बना हुआ है क्योंकि सीमा पार आतंकवादी ढांचा जस का तस है.’
भाषा से इनपुट