रविवार को पाकिस्तान की ओर से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी हुई, जिसमें बीएसएफ का एक जवान शहीद हो गया. सीमा पर गोली और बंदूक से इतर एक दूसरी तस्वीर भी सामने आई है, जब पाक अधिकृत कश्मीर से भूलवश एक 11 साल का लड़का हिंदुस्तानी सीमा में दाखिल हो गया.
सरहद पर खटास और रिश्तों में मिठास की एक बानगी पेश करते हुए भारतीय सेना ने दरियादिली दिखाते हुए बच्चे को न सिर्फ पाकिस्तान की सेना के सुपुर्द किया बल्कि उसे कपड़े और मिठाई का पैकेट भी दिया.
सेना के अधिकारियों ने बताया कि पाक अधिकृत कश्मीर के अथमुकाम के लासवा इलाके में रहने वाले समीर कयानी गुरुवार को भूलवश नियंत्रण रेखा पार की और सीमा के इस ओर आ गया. उसे सीमाई इलाकों में तैनात जवानों ने रोका. उन्होंने बताया कि लड़के को रोकने के बाद सेना ने पाकिस्तानी पक्ष को तत्काल एक हॉट लाइन संदेश भेजा.
बुलाई गई फ्लैग मीटिंग
अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तानी सेना को कयानी की सुरक्षा और उसके ठीक होने के बारे में संदेश भेजा गया और एक फ्लैग मीटिंग का आग्रह भी किया गया ताकि लड़के को यथाशीघ्र वापस उसके देश, उसके परिवार के पास भेजा जा सके. उन्होंने बताया कि फ्लैग मीटिंग तीतवाल क्रॉसिंग प्वॉइन्ट पर हुई और लड़के को तंगधार फ्रंटियर इलाके में सेना की यूनिट ने पाकिस्तानी सेना के प्रतिनिधियों के सुपुर्द कर दिया गया. सेना ने कयानी को एक जोड़ी नए कपड़े और सीमा पार रह रहे उसके परिवार के लिए मिठाइयां भी दीं.
फिर याद आई मंगता की कहानी
इससे पहले बीते साल अगस्त महीने में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रहने वाले मंगता खान गलती से भारतीय सीमा में दाखिल हो गए थे. मंगता की कहानी जानने के बाद भारतीय सेना ने मंगता को पाकिस्तान को सौंपने का फैसला किया. भारतीय सेना ने पाकिस्तान को हॉटलाइन के जरिए संदेश भेजकर पाकिस्तानी मूल के नागरिक की जानकारी दी और फिर मंगता को भी एक जोड़ी कपड़े और मिठाई के साथ पाकिस्तान के सुपुर्द कर दिया गया.
-इनपुट भाषा से