ट्राई की कोशिश इस नंबर को देश के प्रमुख हेल्पलाइन नंबर के रूप में आगे बढ़ाने की है. टेलीकॉम रेगुलेटर संस्था की कोशिश पहले से मौजूद नंबरों जैसे कि 100 (पुलिस), 101(फायर), 102(एंबुलेंस) और 108 (डिजास्टर मैनेजमेंट) को 112 में समाहित कर देने की है.
इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि इमरजेंसी नंबर आने वाले कॉल को मोबाइल नेटवर्क पर प्राथमिकता दी जाएगी और साथ ही एसएमएस पर आधारित पहुंच की भी अनुमति होगी. ट्राई का यह भी कहना है कि एजेंसियों को कॉलर की लोकेशन और डिटेल्स भी उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि कॉल मिलने के साथ ही मदद पहुंचाई जा सके.
शुरुआती चरण में इसके तहत पुलिस, फायर, एंबुलेंस, महिलाओं के लिए हेल्पलाइन, सीनियर सिटीजन और बच्चों के लिए इमरजेंसी सेवाओं को जोड़ा जाएगा.
ट्राई की सिफारिशों को सरकार के सामने प्रस्तुत किया गया है, जो कि इस मसले पर अंतिम निर्णय लेगी.