लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली प्रचंड जीत के बाद 17वीं लोकसभा का गठन हो चुका है. नई लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत भी हो चुकी है लेकिन विपक्षी दल अब भी चुनाव को निष्पक्ष मानने को तैयार नहीं हैं. इसी के चलते राज्यसभा में 12 विपक्षी दलों ने चुनाव सुधार के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है. इन दलों में कांग्रेस, टीएमसी, सपा और बसपा प्रमुख हैं.
राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को सौंपे गए इस नोटिस पर विपक्षी दलों के 12 नेताओं के साइन हैं. इस नोटिस के जरिए चुनाव सुधार और निष्पक्ष चुनाव कराने के मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा कराने की मांग की गई है. सभापति की ओर से इस नोटिस को स्वीकार भी कर लिया गया है और इस पर चर्चा के लिए 9 जुलाई की तारीख तय की गई है. नोटिस पर सीपीआई, सीपीएम, डीएमके, एनसीपी, आरजेडीस, केरल मणि कांग्रेस, झामुमो और AAP नेताओं के भी साइन हैं.
सपा और बसपा जैसे दल लगातार ईवीएम को लेकर सवाल उठाते आए हैं. वहीं आम आदमी पार्टी भी बीजेपी पर चुनाव में अकूत पैसा खर्च करने का आरोप लगा रही है. इसके अलावा ममत बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने भी बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए थे. ऐसे में अब यह सभी दल चुनाव बाद भी इस मुद्दे को जिंदा रखना चाहते हैं, क्योंकि इस बहाने वह संसद के भीतर सरकार को घेरने की कोशिश कर सकते हैं.
राज्यसभा में हंगामे को लेकर आज सभापति ने सभी सांसदों को नसीहत देते हुए कहा कि पिछले कुछ सत्रों से सदन में कामकाज लगातार बाधित रहा है जिसकी वजह से उत्पादकता में भारी कमी आई है. लोकसभा में कई बिल पारित हुए लेकिन राज्यसभा में हंगामे की वजह से ऐसा नहीं हो सकता जिससे उच्च सदन पर कामकाज का बोझ बढ़ता चला गया. उन्होंने सांसदों से अपील करते हुए कहा कि आगे से वह सदन को सुचारू ढंग से चलाने में मदद करेंगे.