केंद्र सरकार ने उन 13 हाईवे की पहचान कर ली है जिसे रनवे के तौर पर विकसित किया जाएगा. रक्षा मंत्रालय और सड़क एवं परिवहन मंत्रालय में चर्चा के बाद पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 13 हाईवे को विकसित करने पर फैसला हुआ है. इन हाईवे का प्रयोग जरुरत पड़ने या इमरजेंसी होने पर फाइटर प्लेन की लैंडिंग और टेकऑफ में किया जा सकेगा.
पाकिस्तान और चीन से सटी सीमा पर जारी तनाव और सैन्य जरुरतों को ध्यान में रखकर भी इन हाईवे का चयन किया गया है. इनमें पाकिस्तान सीमा से सटे कश्मीर और राजस्थान के हाईवे शामिल हैं.
हाईवे के चयन में देश के हर हिस्से और कोने की जरूरत को भी ध्यान में रखा गया है. मतलब साउथ, नॉर्थ, ईस्ट और वेस्ट में आपातकालीन सैन्य जरूरत को ध्यान में रखकर मंजूरी दी गई है. इसके साथ ही साथ इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि देश में प्राकृतिक आपदा या त्रासदी के दौरान इन हाईवे पर ट्रांसपोर्ट प्लेन भी उतारा जा सकेगा.
दरअसल, सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने रक्षा मंत्रालय को ऐसे 29 हाईवे की लिस्ट सौंपी थी जिसको रनवे के तौर पर विकसित किया जा सकता है. जिसके अध्ययन के बाद रणनीतिक और सामरिक जरुरतों के आधार पर रक्षा मंत्रालय ने 13 हाईवे को रनवे के तौर पर विकसित करने की सहमति दे दी है. रक्षा मंत्रालय ने लंबाई, चौड़ाई, मजबूती समेत रनवे के लिए जरूरी विशेषताएं भी सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को भेजी हैं.
अब सड़क एवं परिवहन मंत्रालय अगले तीन महीने में इन हाईवे पर काम शुरु करेगा और रक्षा और सड़क एवं परिवहन मंत्रालय का ये संयुक्त प्रोजेक्ट जून 2018 तक पूरा हो जाएगा. माना जा रहा है कि रक्षा मंत्रालय जल्दी ही 4 नेशनल हाईवे पर रनवे बनाने के लिए मंजूरी दे सकता है.
आपको बता दें कि जिन 13 हाईवे का चयन किया गया है उनमें से 11 को NHAI और 2 को राज्य सरकारें डेवलप करेंगी.
इन हाईवे को रक्षा मंत्रालय ने दी मंजूरी
बिजबेहरा-चिनार बाग
बनिहाल-श्रीनगर
फलोदी-जैसलमेर
बाड़मेर-जैसलमेर
द्वारका-मलिया
लखनऊ-बलिया (राज्य सरकार के द्वारा निर्माण )
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे ( Existing)
खड़गपुर-बालासोर
खड़गपुर-क्योंझर
नेल्लोरे-ओंगोले
ओंगोले-चिकलूरिपेट
चेन्नई-पुदुच्चेरी (पुदुच्चेरी के पास)
कोडियाकराय-रामनाथपुरम (एनएच -210)