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बलात्कार का विरोध करने पर यूपी में दलित लड़की की आंख फोड़ी

उत्तर प्रदेश में दलितों पर हो रहे अत्याचार की ताजा कांड में कन्नौज जिले में बलात्कार का विरोध करने पर दो युवकों ने एक दलित लड़की की आंख फोड़ दी जबकि बस्ती जिले में एक दलित लड़की से बंदूक की नोंक पर बलात्कार किया गया.

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बलात्कार का विरोध करने पर आंख फोड़ दी
बलात्कार का विरोध करने पर आंख फोड़ दी

उत्तर प्रदेश में दलितों पर हो रहे अत्याचार की ताजा कांड में कन्नौज जिले में बलात्कार का विरोध करने पर दो युवकों ने एक दलित लड़की की आंख फोड़ दी जबकि बस्ती जिले में एक दलित लड़की से बंदूक की नोंक पर बलात्कार किया गया. इसके साथ ही विपक्षी दलों ने मायावती सरकार पर हमला और तेज कर दिया.

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कन्नौज जिले के जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह ने बताया कि गुरसहाय गंज थाने के गुडवा बुजुर्ग गांव में रविवार देर शाम शौच के लिए गांव के बाहर गयी 14 वर्षीय दलित लडकी को गांव के ही दो युवकों दिलीप और निरंजन ने एक गडढे में घसीट लिया और उसके साथ दुराचार की कोशिश की. लड़की के शोर मचा देने पर उन्होंने चाकुओं से उसकी आंखो पर प्रहार कर दिया.

सिंह ने बताया कि लड़की की बांयी आंख फूट गयी जबकि दायीं आंख में भी चोट आयी है और उसे इलाज के लिए कानपुर भेजा गया है.

उन्होंने बताया कि दोनों अभियुक्त लडकी के गांव के ही हैं जिनमें से एक निरंजन यादव को गिरफ्तार कर लिया गया.

पीड़ित लड़की के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस लड़की का बयान दर्ज करने को तैयार नहीं है.

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सिंह ने बताया कि उप निरीक्षक शिव शंकर सिंह और कांस्टेबल फकरूद्दीन को कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि इन दोनों पुलिसकर्मियों ने न तो वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया और न ही ऐसे मामलों में बरती जाने वाली सामान्य प्रक्रिया का पालन किया क्योंकि वे मामले की गंभीरता को समझ ही नहीं पाये.

इस बीच लड़की के परिजनों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. लड़की की मां ने आरोप लगाया कि जब उनकी लड़की ने बयान देना चाहा तो कोई भी उसे दर्ज करने को तैयार नहीं था. मां ने बताया कि गांव के ही दो लोगों ने उनकी बेटी के साथ दुराचार किया. उन लोगों ने उनकी बेटी की जिंदगी बर्बाद कर दी. दोषियों को सजा जरूर मिलनी चाहिये.

लड़की के पिता ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि दोषियों को सजा मिले. देखिये, उन्होंने मेरी बच्ची के साथ क्या किया. उन्हें अगर पांच साल की जेल की सजा भी मिलती है तो हम खुश होंगे.’ उन्होंने कहा, ‘लड़कों की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है. पुलिस कह रही है कि उनके घर बंद हैं और वे फरार हैं. हम सचाई नहीं जानते.’

अभी गत दस जून को ही निघासन पुलिस थाने में 14 वर्षीय एक लड़की की कथित तौर पर बलात्कार और हत्या के बाद उसका शव थाना परिसर के ही एक पेड़ से लटका दिया गया था. इस मामले में 11 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.

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कन्नौज की घटना को दुखद और बर्बर बताते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कहा कि उसने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है और इस मामले में राज्य प्रशासन से रिपोर्ट मांगी जायेगी.

आयोग की अध्यक्ष शांता सिन्हा ने कहा कि वह पुलिस को एक पत्र भेज कर इस मामले में सही जानकारी मांगेंगे और इस दिशा में क्या कार्रवाई की गयी है यह भी जानेंगे. उन्होंने कहा कि इस मामले में आयोग आगे कार्रवाई करेगा.

समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने इस मामले के दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने और पीड़ित को दस लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की है.

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