माउन्ट मेरापी स्थित छोटे अस्पताल में सदी के सबसे शक्तिशाली ज्वालामुखी विस्फोट के बाद बढ़ती तादाद में पीड़ितों को लाए जाने से अस्पताल के लिए निपटना मुश्किल हो रहा है. इस ज्वालामुखी विस्फोट की घटना में कुछ लोगों का शरीर 95 फीसदी तक जल चुका है.
अस्पताल में लाए गए एक व्यक्ति के जीवित होने का संकेत दिखा. उसकी सांस चल रही थी. अन्य, लोगों के फेफड़े ज्वालामुखी की राख से बंद हो गए थे. वे सांस लेने के लिए संघर्ष कर रहे थे.
इंडोनेशिया के सर्वाधिक अस्थिर पर्वत से कल गैस, चट्टान और मलबा निकला. इस ज्वालामुखी की चपेट में आकर अनेक मकान और वृक्ष जल गए. बचकर भागने के दौरान इसकी चपेट में कई ग्रामीण आ गए.
घायलों में से अनेक लोगों की मृत्यु हो गई. मरने वालों की संख्या 90 से अधिक हो गई है. मेरापी के लिए यह दशकों में सबसे भयावह दिन है. सर्दजितो अस्पताल में काम करने वाले सिगित प्रायोहुतोमो ने कहा कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है.
खराब दृश्यता के कारण पास के हवाई अड्डों को बंद कर दिया गया है. आग में झुलसे लोगों के लिए जरूरी वेंटिलेटर राजधानी जकार्ता में फंसा हुआ है. इस बीच, नर्सिंग के छात्र हाथ से पंप की जाने वाली आपात श्वास प्रणाली का इस्तेमाल कर रहे हैं.
विगत दो सदियों में घनी आबादी वाले जावा द्वीप स्थित इस ज्वालामुखी में कई बार विस्फोट हुआ है. ज्वालामुखी के लावा और मलबे के कारण यहां की मिट्टी उपजाउ है जिसके कारण अनेक लोग इसके आस-पास रहते रहे हैं. हाल के दिनों में हालांकि ज्वालामुखी के साए में दो लाख से अधिक लोगों को आपात शरणगाह में शरण लेनी पड़ी है. शनिवार को भी ज्वालामुखी से आवाज निकलती रही. कई बार इससे राख का भूरा गुबार और गैस आठ किलोमीटर की उंचाई तक निकलता दिखा.{mospagebreak}
58 वर्षीय वाजीमैन ने कहा, ‘यह डरावना है. ज्वालामुखी से धुआं निकलना जारी है.’ यहां के राहत शिविरों में रह रहे अनेक लोगों ने खराब साफ-सफाई की शिकायत की. उन्होंने कहा कि पर्याप्त शौचालय नहीं हैं. साथ ही स्वच्छ पेयजल का भी अभाव है.
इस बीच, माउन्ट मेरापी ज्वालामुखी विस्फोट के कारण जकार्ता के मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से आने-जाने वाली 36 उड़ानें आज रद्द कर दी गईं.
सुकर्णो हत्ता अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के प्रवक्ता ने बताया, ‘जकार्ता से आने जाने वाली 11 एयरलाइनों की 36 उड़ानें आज रद्द कर दी गईं. मेरा मानना है कि मेरापी में ज्वालामुखी विस्फोट से निकल रही राख के मद्देनजर सुरक्षा कारणों से ऐसा किया गया है.’