बता दें कि पिछले साल जुलाई में भारत ने 'सिख फॉर जस्टिस' संगठन को प्रतिबंधित कर दिया था. गृह मंत्रालय ने अलगाववाद को बढ़ावा देने की वजह से इस संगठन को बैन किया गया.
खुफिया एजेंसियों के अलर्ट में कहा गया है कि सिख फॉर जस्टिस के अमेरिका स्थित आका गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 14,15 और 16 अगस्त को लाल किले पर खालिस्तान का झंडा फहराने वाले सिख को सवा लाख डालर देने का ऐलान किया है. खुद को एसएफजे का जनरल काउंसल बताने वाले पन्नू ने एक वीडियो भी अपलोड किया है. इंटेलीजेंस ब्यूरो के अलर्ट के बाद लाल किला और अन्य अहम स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.
बढ़ाई गई सुरक्षा
हाल ही में पन्नू को गृह मंत्रालय ने गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) गतिविधियां एक्ट यानि UAPA कानून के तहत आतंकवादियों की सूची में डाला. लेकिन इसके बावजूद पन्नू सोशल मीडिया पर भारत विरोधी कंटेंट डाल रहा है. जुलाई के शुरू में गृह मंत्रालय ने नौ खालिस्तानी आतंकियों की सूची घोषित की थी, इनमें से ज्यादातर नाम तो पुराने ही थे, लेकिन सिख फॉर जस्टिस से जुड़े पन्नू का नाम इसमें नया था. पन्नू लंबे समय से रेफरेंडम-2020 के लिए मुहिम चलाता आ रहा है. पन्नू के अलावा सूची में आठ अन्य आतंकियों में बब्बर खालसा इंटरनेशनल का चीफ वधावा सिंह बब्बर, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के लखबीरसिंह, रंजीत सिंह नीटा, भूपेन्द्र सिंह भिंडा और गुरमीत सिंह बग्गा, खालसा कमांडो फोर्स का परमजीत सिंह पंजवड़, बब्बर खासला इंटरनेशनल का परमजीत सिंह और खालिस्तान टाइगर फोर्स का हरदीप सिंह निज्जर शामिल हैं.
पन्नू को छोड़ बाकी आठों आतंकी दो दशक से भी ज्यादा समय से पाकिस्तान में हैं. पंजाब में आतंकवाद के दौर में इन आठों पर बड़ी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप हैं. यूएपीए कानून के तहत इससे पहले गृह मंत्रालय ने चार आतंकवादियों को आतंक की सूची में डाला था. इनमें 26/11 हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद, मसूद अजहर जकीउर रहमान लखवी और दाऊद इब्राहिम के नाम थे.
सुरक्षा मामलों के जानकारों के मुताबिक 15 अगस्त को लेकर पूरी दिल्ली में इस समय हाई अलर्ट का माहौल है. ऐसी स्थिति में सोशल मीडिया या किसी ओर तरीके से कोई उकसाने या भड़काने वाले वीडियो या पैम्फलेट का प्रसार करता है तो उस पर गहन छानबीन के बाद आवश्यक कदम उठाए जाते हैं. साथ ही सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट किया जाता है.
हालांकि गृह मंत्रालय की ओर से पहले से ही पन्नू के खिलाफ एजेंसियों को कार्रवाई के निर्देश हैं. पन्नू के बयान पर अधिक तवज्जो न देते हुए सरकार ने एजेंसियों को लाल किले के आसपास कड़ी चौकसी बरतने के निर्देश दिए हैं.
लॉर्ड रामी रेंजर
पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है कि लंदन जैसे शहरों में अलगाववादी संगठन पाकिस्तान समर्थक कश्मीरी संगठनों के साथ मिलकर भारत विरोधी प्रदर्शन करते रहे हैं. इस बार ब्रिटिश सिख एसोसिएशन ने ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल को चिट्ठी भेज कर भारतीय उच्चायोग के सामने इस तरह के प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. ब्रिटिश सिख एसोसिएशन के अध्यक्ष और कारोबारी लॉर्ड रामी रेंजर के मुताबिक उन्हें एक बैठक में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आश्वासन दिया है कि उनका देश ऐसे किसी भी अलगाववादी संगठन या भारत के खिलाफ किसी भी गतिविधि का समर्थन नहीं करता.