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कश्मीर घाटी में घुसने की ताक में 150 आतंकी, खुफिया रिपोर्ट के बाद अलर्ट पर सेना

जम्मू कश्मीर में गड़बड़ी फैलाने और सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के मकसद से 150 से ज्यादा आतंकवादी भारतीय सीमा में घुसपैठ की ताक में नियंत्रण रेखा (LoC) के पार बैठे हैं. खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के बाद से सेना अलर्ट पर है और नियंत्रण रेखा पर पैनी नजर बनाए रखी है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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जम्मू कश्मीर में गड़बड़ी फैलाने और सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के मकसद से 150 से ज्यादा आतंकवादी भारतीय सीमा में घुसपैठ की ताक में नियंत्रण रेखा (LoC) के पार बैठे हैं. खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के बाद से सेना अलर्ट पर है और नियंत्रण रेखा पर पैनी नजर बनाए रखी है.

सेना को मिली खुफिया जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान सेना की पनाह में छुपे ये आतंकी 4-5 के छोटे-छोटे समूह के समूह में बंट गए थे. इनमें से एक समूह को नौगाम में तो मार गिराया गया. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, अगले कुछ हफ्ते में बाकी के आतंकी भी घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं.

आतंकियों की घुसपैठ की पिछली वारदातों के वक्त पाकिस्तानी सेना उनकी मदद के लिए कवर फायर देती दिखी थी. इसके अलावा पाकिस्तानी सेना के विशेष दस्ते ने पिछले दिनों अपनी बॉर्डर एक्शन टीमों (BAT) के जरिये भारतीय सैनिकों पर हमले किए थे. हालांकि हमारे चौकन्ना सैनिकों ने 17-18 मई को बैट की ऐसे ही एक हमले को नाकाम किया था. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, नियंत्रण रेखा (LoC) पर पाकिस्तानी सेना ऐसे और बैट हमलों की फिराक में है.

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ऐसे में भारतीय सेना अब बैट हमलों को पहले ही नाकाम करने के मकसद से इनकी मददगार पाकिस्तानी चौकियों को सीधे निशाना बनाने की रणनीति पर चल रही है. सेना इन चौकियों पर 105 एमएम के बड़े गोले दाग रही है, जिससे कि इन चौकियों को भारी नुकसान पहुंचे.

इसके साथ आंतकियों की घुसपैठ रोकने तथा अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चुस्त दुरुस्त रखने के लिए सेना ने अपनी एक ब्रिगेड (करीब 4000 सैनिकों) घाटी भेजा है. इसके अलावा दक्षिण कश्मीर में सैनिकों की तैनाती में भी इजाफा किया गया है, जहां हाल के दिनों चरमपंथी गतिविधियों में बढ़ावा दिखा है.

इस बीच सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत कश्मीर के मौजूदा हालात पर रक्षा मंत्री अरुण जेटली और एनएसए अजित डोवाल को ब्यौरा देंगे. ऐसा माना जाता है कि कश्मीर में चरमपंथियों से निपटने और पाकिस्तानी सेना को मुंहतोड़ जवाब देने की इस रणनीति के पीछे डोवाल अहम शख्स हैं.

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