इराक में फंसे भारतीयों को लेकर देश में सुगबुगाहट शुरु होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हरकत में आ गए हैं. मोदी ने शुक्रवार को अपने वरिष्ठ मंत्रियों सुषमा स्वराज और राजनाथ सिंह के साथ बैठक की. इस मीटिंग में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश सचिव सुजाता सिंह के अलावा सभी खुफिया विभागों को अधिकारी भी शामिल थे. इस बैठक में इराक के मौजूदा हाल और वहां फंसे भारतीयों को निकालने पर माथापच्ची हुई. प्रधानमंत्री के साथ इस बैठक के बाद सरकार की ओर से जो बयान दिया गया वो राहत पहुंचाने वाला है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि अगवा किए भारतीय सुरक्षित हैं और सरकार उन्हें बचाने की हरसंभव कोशिश कर रही है.
प्रधानमंत्री के साथ बैठक के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी मंत्रालय के आला अधिकारियों के साथ मीटिंग की, जिसके बाद सरकार ने देर शाम तक साफ कर दिया कि वार जोन में फंसे भारतीयों में से 16 को वहां से निकाल लिया गया है. एक भारतीय नागरिक आतंकियों के चंगुल से निकलने में सफल रहा है और वो बगदाद में उच्चायोग के अधिकारियों के संपर्क में है.
वॉर जोन में फंसे 120 भारतीय
जानकारी के मुताबिक करीब 120 भारतीय वॉर जोन में फंसे हैं, जिसमें बंधकों के अलावा 46 नर्सें अस्पताल में फंसी हैं. लेकिन अस्पताल की बिजली बहाल हो गई है और नर्सों को खाना भी मिल रहा है.
सरकार की ओर से साफ किया गया है कि किसी भी देशवासी को इराक से बाहर निकालने मे पैसे की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी. उन्हें सरकारी मदद दी जाएगी. इसके अलावा वार जोन में फंसे भारतीय किसी भी बंदरगाह के करीब भी पहुंच जाते हैं या फिर दूसरे देश की सीमा में भी निकल जाते हैं तो उन्हें लाने की व्यवस्था की जाएगी.
सूत्रों के मुताबिक इराक में अगवा हिंदुस्तानियों को निकालने के लिए सरकार हर स्तर पर कोशिश कर रही है. आधिकारिक तौर पर तो बातचीत चल ही रही है पिछले दरवाजे से भी कोशिश जारी है. अकबरुद्दीन ने कहा, कुछ भारतीयों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. जहां तक 46 नर्सों का सवाल है तो उन्हें बिजली और खाना मुहैया कराया जा रहा है. भारत सरकार उनके संपर्क में है.