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एनसीआरबी ने जारी किए आंकड़े, भारत में सड़क हादसों में हर घंटे 16 लोगों की मौत

देश में हर घंटे लगभग 16 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवां देते हैं. हैरान करने वाला यह आंकड़ा है 2014 का. इस साल सड़क हादसों में 1.41 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई जो 2013 के मुकाबले 3 फीसदी ज्यादा थी.

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देश में हर घंटे लगभग 16 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवां देते हैं. हैरान करने वाला यह आंकड़ा है 2014 का. इस साल सड़क हादसों में 1.41 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई जो 2013 के मुकाबले 3 फीसदी ज्यादा थी.

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सड़क हादसों में कुचले गए और घायल हुए लोगों की संख्या भी 2014 में सबसे अधिक रही. यह आंकड़ा क्रमशः 4.5 लाख और 4.8 लाख था. हाल ही में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी आंकडों के मुताबिक, स्पीडिंग और खतरनाक ड्राइविंग जानलेवा सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह रही.

सड़क हादसों में मरने वालों लोगों की कुल संख्या के आधे लोग दोपहिया वाहन और ट्रक से जुड़ी दुर्घटनाओं में मरे. जबकि दुर्घटना में 13,787 टू वीइलर ड्राइवर की मौत हुई और इन्हीं दुर्घटनाओं में अन्य संबंधित 23,529 यात्रियों की मौत हुई. साथ ही 1.4 लाख लोग इन हादसों में घायल हुए.

ये राज्य हैं सबसे खतरनाक
सड़क हादसों में मरने वाले लोगों की संख्या के लिहाज से सबसे ज्यादा घातक साबित हुए राज्य हैं- उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान. यूपी में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या 16,284 और तमिलनाडु में यह आंकड़ा 15000 रहा.

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देश के महानगरों की बात करें तो दिल्ली में सबसे ज्यादा 2,199 मौतें हुई, वहीं चेन्नई में यह आंकड़ा 1046 रहा. भोपाल और जयपुर इस सूची में क्रमशः तीसरे और चौथे क्रम पर रहे. भोपाल में सड़क हादसों में 1015 और जयपुर में 844 लोगों की मौत हुई.

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