नोटबंदी लागू होने के 50 दिन पूरे होने वाले हैं. ऐसे में विपक्ष एक बार फिर एकजुट होकर सरकार को घेरने की योजना बना रहा है. 30 दिसंबर को पुराने नोट जमा करने की अवधि समाप्त हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हालात सामान्य करने के लिए जनता से 50 दिन का समय मांगा था. ऐसे में 27 दिसंबर को विपक्षी दलों ने एक होकर आगे की रणनीति पर विचार करने का फैसला किया है.
दिल्ली कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में 27 दिसंबर को 16 विपक्षी दलों के नेता मिलेंगे, जिसमें आगे की रणनीति पर फैसला किया जाएगा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आएंगी. सीताराम येचुरी भी इसमें शामिल होंगे.
नोटबंदी पर सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को भी इसमें शामिल होने के लिए बुलावा भेजा गया है. इससे पहले 26 दिसंबर को कांग्रेस पार्टी के वॉर रूम में 100 से ज्यादा नेता जुटेंगे और वो नोटंबदी पर चर्चा करेंगे. आम आदमी को नोटबंदी के साइड इफेक्ट बताने के लिए नेताओं को अलग-अलग राज्यों में भेजा जाएगा.
इसके अलावा, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी 28 दिसंबर को युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संबोधित कर सकते हैं. विपक्षी दलों की रणनीति नोटबंदी के खिलाफ इस लड़ाई को राज्यों तक ले जाने की है.