फरवरी और मार्च के महीने में बेमौसम बरसात और ओलों ने फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाया है. सोमवार को केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने राज्य सभा में कहा कि जितना सोचा गया उससे भी ज्यादा नुकसान हुआ है.
राधा मोहन सिंह ने कहा, 'राज्य सरकारों के नए आकलन के मुताबिक खेती की 189 लाख हेक्टेयर जमीन बरसात से तबाह हुई है.' देश में कृषि संकट पर हुई आठ घंटे की बहस में जवाब देते हुए सिंह ने कहा, 'उत्तर प्रदेश में बर्बाद हुई खेती की जमीन 29 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 94 लाख हेक्टेयर हो गई है.
सिंह ने कहा, 'मैंने 20 अप्रैल को लोकसभा में कहा था कि 94 लाख हेक्टेयर खेती की जमीन बर्बाद हुई है. उसके बाद अन्य राज्यों अपने नुकसान के आंकड़े भेजे. अब, पूरा आकलन 189 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है.' इसके अलावा उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद कर रही है.
इसके साथ ही उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि निजी कंपनियों द्वारा चलाए जा रहे क्रॉप इंश्योरेंस स्कीम भी बहुत कारगर सिद्ध नहीं हो पाया है. सिंह ने कहा, 'केंद्र सरकार ने निजी कंपनियों को क्रॉप इंश्योरेंस स्कीम चलाने के लिए लाइसेंस दिया था, लेकिन राज्य सरकारों ने कंपनियों का चुनाव किया.'
उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही किसानों की मदद के लिए कई कदम उठाए है. किसानों के लिए मुआवजे की रकम को भी बढ़ाया गया है. सिंह के बयान के बाद नाखुश कांग्रेस, समाजवादी और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सदन से बाहर चले गए. कृषि संकट पर हुई इस बहस में बड़ी संख्या में सांसदों ने हिस्सा लिया था.