हार्वर्ड विश्वविद्यालय के समीप एक सप्ताह पहले खुद को गोली मार कर आत्महत्या करने वाला एक 35 वर्षीय व्यक्ति अपने पीछे 1905 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़कर गया है. इस दस्तावेज आनलाइन उपलब्ध है और इस पर वह पिछले पांच साल से काम कर रहा था.
मिशेल हीसमैन ने 18 सितंबर को हार्वर्ड विश्वविद्यालय के बाहर खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी.
उसके परिजनों तथा करीब 400 मित्रों को उसकी मौत के बाद ईमेल के जरिए 1905 पन्नों का यह नोट मिला है. नोट में हीसमैन ने लिखा है कि वह अपनी जिंदगी को खत्म करने का कदम दार्शनिक अनुभव की खोज के लिए कर रहा है जिसे ‘शून्यवाद का अनुभव’ कहते हैं.
इस विशाल नोट में 1433 फुटनोट, 20 पन्नों की संदर्भ ग्रंथ सूची, भगवान का 1700 से अधिक बार उल्लेख और जर्मन दार्शनिक फ्रेडरिक नित्शे का 200 बार जिक्र किया गया है.
हीसमैन ने लिखा है,‘‘हर शब्द , हर विचार और हर भावना एक करोड़ समस्याओं को लेकर आती है. जीवन व्यर्थ है. शून्यवाद के साथ प्रयोग का अर्थ हर मिथ्या धारणा और छलावे का पर्दाफाश करना है...भले ही इसका अंजाम कुछ भी हो, भले ही यह हमारी जान ले ले.’{mospagebreak} हीसमैन ने लिखा है, ‘मेरा जीवन वास्तव में अर्थहीन है और मूलभूत विकल्पों के बीच चयन करने का कोई तार्किक आधार नहीं है. ऐसे में सभी प्रकार का चुनाव एक समान है और मौत के मुकाबले जिंदगी को चुनने का कोई मूलभूत आधार नहीं है.’ उसने अपने इस पत्र में अमेरिकी राष्ट्रपति थामस जैफरसन और अलबर्ट आइंस्टाइन का भी जिक्र किया है.
न्यूजर्सी निवासी ने कालेज में दर्शनशास्त्र की पढ़ाई की थी और उसने अपने परिजनों और मित्रों को बताया था कि वह ‘इंग्लैंड के उपर नोर्मन की जीत के इतिहास’ पर काम कर रहा है.
इस दस्तावेज में अलग अलग अध्याय तैयार किए गए हैं जिन्हें ‘दर्शनशास्त्र, ब्रह्मांड एकलवाद, न्यूजर्सी और ‘भगवान को कैसे जन्म दें’ आदि शीषर्क दिया गया है.
हीसमैन के मित्रों ने बताया कि उसने तीन साल पहले एक ए. 38 कैलिबर पिस्टल खरीदी थी. उसके मित्रों के अनुसार , वह ‘‘सौहार्दपूर्ण और शांत’’ रहने वाला युवक था.
यहूदी हीसमैन ने ‘योम किप्पूर’ के दिन हार्वर्ड परिसर में पर्यटकों के एक समूह के समक्ष खुद को गोली मार ली. ‘योम किप्पूर’ यहूदी धर्म में सर्वाधिक पवित्र दिनों में माना जाता है.