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सिख दंगे: मृतकों-पीड़ितों का ब्‍यौरा देने से केंद्र सरकार का इनकार, कहा- ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं

दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों और पीड़ितों का ब्‍यौरा देने से केंद्र सरकार ने साफ इनकार कर दिया है. सरकार ने कहा है कि गृह मंत्रालय में इस प्रकार का कोई आंकड़ा ही नहीं रखा जाता। गृह मंत्रालय से 1984 के सिख विरोधी दंगों में शामिल अभियुक्तों का ब्यौरा, मृतकों, घायल, अशक्त हुए लोगों और अब तक इस बाबत हुई कार्रवाई के बारे में जानकारी आरटीआई के तहत मांगी गई थी।

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प्रदर्शनकारी सिख -फाइल फोटो
प्रदर्शनकारी सिख -फाइल फोटो

दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों और पीड़ितों का ब्‍यौरा देने से केंद्र सरकार ने साफ इनकार कर दिया है. सरकार ने कहा है कि गृह मंत्रालय में इस प्रकार का कोई आंकड़ा ही नहीं रखा जाता। गृह मंत्रालय से 1984 के सिख विरोधी दंगों में शामिल अभियुक्तों का ब्यौरा, मृतकों, घायलों, अशक्त हुए लोगों और अब तक इस बाबत हुई कार्रवाई के बारे में आरटीआई के तहत जानकारी मांगी गई थी।

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दिल्ली के आरटीआई कार्यकर्ता गोपाल प्रसाद ने गृह मंत्रालय से यह जानकारी मांगी थी। गृह मंत्रालय ने कहा कि मांगी गई सूचना का संबंध कानून एवं व्यवस्था तथा लोक व्यवस्था से संबंधित है, जो भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची भाग 2 राज्य सूची में वर्णित राज्य का विषय है. गृह मंत्रालय में इस प्रकार का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है. सिख विरोधी दंगों के संदर्भ में मंत्रालय ने बताया कि आहूजा समिति की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में 2,733 लोग मारे गए थे.

हर मुआवजा नाकाफी
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि 1984 के दंगों से प्रभावित सिखों के लिए यूपीए सरकार ने काफी कुछ किया है, लेकिन बहुमूल्य जीवन के नुकसान की भरपायी के लिए कोई भी मुआवजा पर्याप्त नहीं है. पीएम ने कहा था कि वह दंगों के सिलसिले में सिख समुदाय के लोगों से संसद में माफी मांग चुके हैं. उन्होंने कहा था कि मेरा मानना है कि हमारी सरकार ने सिख पीड़ितों के लिए काफी कुछ किया है।

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अब तक 442 दोषी करार
लोकसभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने बताया था कि दिल्ली में इस घटना के सिलसिले में 650 मामले दर्ज किए गए, जिसमें से 3163 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से 442 लोगों को दोषी करार दिया गया, जबकि 2706 लोगों को बरी किया गया है। 15 लोगों के खिलाफ अभी भी सुनवाई जारी है।

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