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सज्जन ने खटखटाया उच्च न्यायालय का दरवाजा

साल 1984 में हुये सिख विरोधी दंगों में शामिल होने के आरोपों का सामना कर रहे कांग्रेस नेता सज्जन कुमार ने अपनी अग्रिम जमानत के लिये आज उच्च न्यायालय में अपील दायर की. गौरतलब है कि बाहरी दिल्ली से सांसद रहे कुमार की अग्रिम जमानत की याचिका कल निचली अदालत ने खारिज कर दी थी.

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साल 1984 में हुये सिख विरोधी दंगों में शामिल होने के आरोपों का सामना कर रहे कांग्रेस नेता सज्जन कुमार ने अपनी अग्रिम जमानत के लिये आज उच्च न्यायालय में अपील दायर की. गौरतलब है कि बाहरी दिल्ली से सांसद रहे कुमार की अग्रिम जमानत की याचिका कल निचली अदालत ने खारिज कर दी थी.

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सज्‍जन कुमार के वकील अनिल शर्मा ने अपील में कहा है कि निचली अदालत ने गलत तरीके से उनकी जमानत याचिका इस आधार पर खारिज कर दी कि जिस न्यायालय ने समन जारी किये हैं केवल वही जमानत दे सकते हैं.

निचली अदालत ने सज्‍जन कुमार की याचिका यह कहते हुये खारिज कर दी थी कि ‘फेस वैल्यू’ देखकर लगाये गये आरोपों को पूरी तरह से गलत भी नहीं कहा जा सकता. अदालत ने 38 पन्नों के अपने आदेश में कहा कि सज्जन की याचिका में एक भी ऐसी खास वजह नहीं बतायी गयी जिससे कि आरोपी को अग्रिम जमानत के योग्य समझा जाये. अदालत ने कहा कि अरोपों की सचाई ‘मामले की सुनवाई का विषय’ है और तथ्यों से पता चलता है कि इनमें कुछ दम है.

सीबीआई ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद वर्ष 1984 में हुये सिख विरोधी दंगों के दो अलग अलग मामलों में कुमार सहित 13 लोगों के खिलाफ कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के लिये 13 जनवरी को चार्जशीट फाइल किया था. इस हिंसा में 12 लोग मारे गये थे. सीबीआई ने साल 2005 में नानावटी आयोग की सिफारिशों पर कार्रवाई करते हुये आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी.

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