scorecardresearch
 

1984 सिख दंगा मामलाः हाई कोर्ट में सज्जन कुमार की अर्जी खारिज

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1984 के सिख विरोधी दंगे में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व सांसद सज्जन कुमार के खिलाफ सुनवाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. इसमें छह लोगों की हत्या कर दी गई थी.

Advertisement
X

Advertisement

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1984 के सिख विरोधी दंगे में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व सांसद सज्जन कुमार के खिलाफ सुनवाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. इसमें छह लोगों की हत्या कर दी गई थी.

न्यायमूर्ति ए के पाठक ने सज्जन की याचिका को खारिज कर दिया जिनके खिलाफ निचली अदालत ने हत्या और दंगा करने का आरोप तय किया है. सज्जन ने अपनी याचिका में सुनवाई पर तुरंत और तब तक रोक लगाने की मांग की थी जब तक उनके खिलाफ आरोप तय किए जाने के विरोध में दायर उनकी याचिका पर अदालत फैसला नहीं कर देती.

सुल्तानपुरी इलाके में हुए दंगों में उनकी कथित संलिप्तता के मामले में आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने की कांग्रेस नेता की याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने उनकी याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया. नोटिस में अदालत ने जांच एजेंसी से कहा कि वह 16 सितंबर तक अपना जवाब दाखिल करे. उसी दिन मामले पर फिर से सुनवाई होगी.

Advertisement

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगों में शामिल होने के आरोप में बाहरी दिल्ली के सांसद के खिलाफ दो मामले दर्ज किए गए थे.

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने एक अन्य मामले में उनके खिलाफ सुनवाई पर रोक लगा दी थी. उस मामले में दिल्ली कैंट इलाके में पांच लोग मारे गए थे.

निचली अदालत ने 7 जुलाई को सज्जन कुमार एवं अन्य के खिलाफ दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में छह लोगों के मारे जाने के संबंध में हत्या, दंगा एवं दो समुदायों के बीच घृणा फैलाने के औपचारिक आरोप तय किए थे. अदालत ने एक जुलाई को मामले में सज्जन और ब्रह्मानंद गुप्ता, पेरू, खुशाल सिंह एवं वेद प्रकाश के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिए थे.

सीबीआई ने न्यायमूर्ति नानावती आयोग की अनुशंसा पर सज्जन एवं अन्य के खिलाफ 2005 में दर्ज दंगा मामले में 13 जनवरी को दो आरोपपत्र दाखिल किए थे. आयोग ने दंगा मामले की जांच की थी.

Advertisement
Advertisement