टू जी स्पेक्ट्रम आबंटन मामले से संबंधित नीरा राडिया और अन्य के बीच बातचीत के टेप सरकार ने सीलंबद लिफाफे में उच्चतम न्यायालय के समक्ष पेश किये.
बातचीत के टेप न्यायाधीश जी एस सिंघवी और न्यायाधीश ए के गांगुली की पीठ के समक्ष रखते हुए सॉलीसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि यह एक हार्ड डिस्क ड्राइव है जिसे सीधे उस सर्वर से डाउनलोड किया गया है जिसमें बातचीत का ब्यौरा था.
‘सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन’ (सीपीआईएल) नामक एक गैर सरकारी संगठन की ओर से न्यायालय में हाजिर वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि हालांकि सीबीआई ने बताया है कि ऐसे 5800 संवाद हैं लेकिन इनमें से केवल 3000 संवादों को अभी कलमबद्ध किया जा सका है.
उल्लेखनीय है कि इससे एक दिन पहले ही उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया था कि टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन संबंधी नीरा राडिया और अन्य की बातचीत वाले टेप सीलबंद करके अदालत के सुपुर्द किये जाएं. न्यायालय ने कहा था, ‘हम निर्देश देते हैं कि मूल दस्तावेज, टेप और सीडी प्रतियां बनाने के बाद सीलबंद करके सौंपी जाएं. इन्हें उच्चतम न्यायालय रजिस्ट्री के लॉकर्स में रखा जाएगा और जरूरत पड़ी तो इनके इस्तेमाल पर विचार किया जाएगा.’
पीठ के इस निर्देश से पहले सरकार ने उसके समक्ष कहा था कि उसे बातचीत के ब्यौरे वाले तमाम टेप न्यायालय के सुपुर्द करने में कोई आपत्ति नहीं है. आशंका जताई जा रही थी कि इन टेपों को नष्ट किया जा सकता है.
सुब्रमण्यम ने कहा था कि उन्हें निर्देश मिले हैं कि इन टेपों को न्यायालय के सुपुर्द करने में सरकार को कोई आपत्ति नहीं है.
इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने सरकार से उस याचिका पर जवाब मांगा था जिसमें स्पेक्ट्रम मामले में नीरा राडिया और अन्य के बीच हुई बातचीत के टेपों को सुरक्षित करने की मांग की गई थी.