ग्रेटर नोएडा में सुरक्षाकर्मियों और आंदोलनकारी किसानों के बीच हुई हिंसक झड़प में दो पुलिसकर्मी सहित तीन लोगों की मौत हो गई जबकि जिलाधिकारी दीपक अग्रवाल गोली लगने से घायल हो गए.
भूमि के लिए बेहतर मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों और पुलिस के बीच हुई भड़प में जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सहित दर्जनों लोग घायल हो गए.
एसएसपी पथराव में घायल हुए. जमीन के बेहतर मुआवजे की मांग को लेकर उग्र हुए किसानों द्वारा रोडवेज (यूपीएसआरटीसी) के तीन कर्मचारियों को बंधक बना लेने के बाद पुलिस जब इन्हें मुक्त कराने के लिए गौतमबुद्ध नगर जिले के परसौल गांव पहुंची, तब यह भड़प हुई.
बंधक बनाए गए रोडवेज के तीन कर्मचारियों को छुड़ाने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल, पीएसी और दंगा विरोधी दस्ते के साथ जिले के अधिकारी परसौल गांव में पहुंचे थे.
राज्य के पुलिस महानिदेशक कर्मवीर सिंह ने लखनऊ में संवाददाताओं को बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस दल पर गोलीबारी की जिसमें दो कांस्टेबलों की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि हालात अब नियंत्रण में है और 15 से 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गौरतलब है कि बस यातायात के लिए नए रास्ते का सर्वेक्षण करने के दौरान किसानों ने रोडवेज के तीन कर्मचारियों को बंधक बना लिया था.
पुलिस ने बताया कि जैसे ही प्रशासन पुलिस एवं पीएसी बल के साथ गांव में पहुंचा, सशस्त्र किसानों ने इन पर हमला बोल दिया और गोलियां चलाई, जिससे दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. किसानों के इस हमले में गोली लगने से जिलाधिकारी दीपक अग्रवाल भी घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया.
अधिकारियों ने बताया कि जिलाधिकारी दीपक अग्रवाल बंधकों को मुक्त कराने की उम्मीद के साथ किसानों से बातचीत करने गए थे. अधिकारियों के अनुसार अग्रवाल की स्थिति स्थिर बताई जा रही है. किसानों के हमले के जवाब में सुरक्षा बलों ने भी कार्रवाई करते हुए भीड़ को तितर बितर करने के लिए गोलियां चलाई और आंसू गैस के गोले छोड़े. सुरक्षा बलों ने आखिरकार बंधक बनाए गए रोडवेज के कर्मचारियों को किसानों के कब्जे से मुक्त करा लिया.