2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की विपक्ष की मांग पर सहमत होते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से इसके गठन की प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया.
संसद के बजट सत्र की मंगलवार को औपचारिक कार्यवाही शुरू होते ही प्रधानमंत्री ने लोकसभा में दिए बयान में कहा कि 2 जी स्पैक्ट्रम आवंटन से संबंधित विवाद को लेकर संसद का बेशकीमती शीतकालीन सत्र व्यर्थ चला गया था. हमारा देश ऐसी हालत को ‘वहन’ नहीं कर सकता जहां संसद ठप हो जाए और महत्वपूर्ण विधायी कार्यों पर विचार करने की अनुमति न हो.
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि संसद को ठप करना हम सभी की ओर से उन लोगों की सेवा से मुंह मोड़ना है जिन्होंने हमें चुन कर भेजा है.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा एक कार्यशील लोकतंत्र है और हमें अपने मतभेदों को समायोजन और सहयोग की भावना से हल करना है ना कि टकराव से. मैं समझता हूं कि इससे आगे बढ़ रहे भारत की प्रगति में हमारा विश्वास और दृढ़ होगा. इसलिए मैं माननीय अध्यक्ष से आग्रह करता हूं कि वह एक संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं. इस संबंध में एक औपचारिक प्रस्ताव जल्द ही पेश किया जाएगा. {mospagebreak}
सिंह ने कहा कि हमारी सरकार का मानना था कि चूंकि सभी प्रभावकारी कदम उठाए जा रहे हैं इसलिए हम जेपीसी पर जोर नहीं देने के लिए विपक्ष को सहमत कर लेंगे. लेकिन हम अपने सारे गंभीर प्रयासों के बावजूद इसमें सफल नहीं हुए. ऐसे में हम ऐसी स्थिति का जोखिम नहीं उठा सकते जहां महत्वपूर्ण बजट सत्र की कार्यवाही चलने की अनुमति न दी जाए. उन्होंने कहा कि इन विशेष परिस्थितियों में हमारी सरकार संयुक्त संसदीय समिति गठित करने पर सहमत हुई है.
सरकार की ओर से कल ही स्पष्ट किया जा चुका है कि दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल 24 फरवरी को लोकसभा में 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच के लिए जेपीसी गठन का औपचारिक प्रस्ताव पेश करेंगे.
प्रधानमंत्री ने आज अपने बयान में दावा किया कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में द्रुत और पारदर्शी कदम उठाए हैं. उच्चतम न्यायालय की देखरेख में केन्द्रीय जांच ब्यूरो 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच कर रहा है. इसके अलावा संसद की लोक लेखा समिति ने भी मामले का संज्ञान लिया है और सरकार इसमें पूरा सहयोग कर रही है.{mospagebreak}
सिंह ने कहा कि इसके अलावा इस संदर्भ में न्यायमूर्ति शिवराज पाटिल की अध्यक्षता में गठित स्वतंत्र जांच समिति की रिपोर्ट भी हमारे पास है. दूरसंचार तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भी कुछ कदम उठाए हैं.
जेपीसी गठित करने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने इसके लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सदन के नेता प्रणव मुखर्जी का धन्यवाद किया. सुषमा ने कहा, ‘हमें इसे विजय या पराजय के रूप में नहीं देखना चाहिए. यह लोकतंत्र की जीत है. हम सभी को विजय या पराजय की बात को एक तरफ रख कर आपस में मिल कर काम करना चाहिए.’