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ग्रीनपीस इंडिया के दो शीर्ष अधिकारियों ने इस्तीफा दिया

ग्रीनपीस द्वारा संगठन के भीतर यौन उत्पीड़न के पिछले दो मामलों से निपटने को लेकर हुई आंतरिक समीक्षा के बाद संगठन के एक शीर्ष अधिकारी ने इस्तीफा दे दिया है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

ग्रीनपीस द्वारा संगठन के भीतर यौन उत्पीड़न के पिछले दो मामलों से निपटने को लेकर हुई आंतरिक समीक्षा के बाद संगठन के एक शीर्ष अधिकारी ने इस्तीफा दे दिया है.

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गैर सरकारी संगठन ने बताया कि ग्रीनपीस इंडिया के कार्यकारी निदेशक समित अईच ने ग्रीनपीस इंडिया बोर्ड को अपना इस्तीफा सौंपा, जो बुधवार को मंजूर हो गया. इसके अलावा कार्यक्रम निदेशक दिव्य रघुनंदन ने भी इस्तीफा दे दिया है.

एनजीओ की वेबसाइट पर आए एक बयान के अनुसार, 'यौन उत्पीड़न के दो मामलों से निपटने के सिलसिले में संगठन की आंतरिक समीक्षा के बाद ग्रीनपीस इंडिया के कार्यकारी निदेशक समित अईच ने इस्तीफा दे दिया है.'

इसके अलावा, कार्यक्रम निदेशक दिव्या रघुनंदन ने भी संगठन से इस्तीफा दे दिया है. एनजीओ ने पहले संगठन से दो लोगों को निकाला था. उनमें से एक पर संगठन की महिला कर्मचारी के साथ रेप करने जबकि दूसरे पर यौन उत्पीड़न के कई आरोप थे.

संगठन ने यौन उत्पीड़न के मामलों से जिस तरह से निपटा गया, उसके लिए बिना शर्त माफी भी मांगी है.

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यह कदम उठाए जाने से ठीक एक दिन पहले संगठन के पूर्व कर्मचारी ने ग्रीनपीस इंडिया में सहकर्मियों द्वारा रेप और यौन उत्पीड़न आदि के आरोप लगाते हुए एक वेब फोरम पर लेख लिखा था.

वेबसाइट पर जारी बयान में कहा गया है कि बोर्ड ने अब दो नए अंतरिम सह-कार्यकारी निदेशकों विनुता गोपाल और संजीव गोपाल की नियुक्ति की है.

उसके मुताबिक, 'उनकी नियुक्तियां पूर्ण सहमति और समर्थन के साथ हुई हैं. इस दौरान बोर्ड नए कार्यकारी निदेशक की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेगा.'

ग्रीनपीस इंडिया ने यौन उत्पीड़न के मामलों को कैसे निपटाया इस संबंध में बोर्ड ने स्वतंत्र ऑडिट कराने का फैसला किया है ताकि वह महिलाओं के लिए सुरक्षित कार्यस्थल प्रदान करने की आंतरिक प्रक्रिया को मजबूत कर सके. हालांकि बोर्ड ने इसके साथ ही ग्रीनपीस इंडिया में अईच के 11 वर्ष के कार्यकाल के लिए उनकी प्रशंसा भी की.

बयान के अनुसार, 'ग्रीनपीस इंडिया के साथ अपने कार्यकाल के दौरान समित ने संगठन के कुछ सबसे बड़े कार्यक्रमों को सफल बनाया है और सबसे मुश्किल वक्त में वह संकटमोचक के रूप में काम आए हैं.'

सरकार ने ग्रीनपीस इंडिया का लाइसेंस छह महीने के लिए निलंबित करते हुए उसके विदेशी दान प्राप्त करने पर प्रतिबंध लगा दिया था और उसके सभी खाते सील कर दिए थे. सरकार का आरोप है कि संगठन ने जानबूझकर देश के हितों को नुकसान पहुंचाया है.

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- इनपुट भाषा

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