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ट्रेन पर पाइपलाइन गिरने से ड्राइवर समेत 2 की मौत

चलती ट्रेन पर पानी की पाइपलाइन टूट कर गिरने से ट्रेन के ड्राइवर समेत 2 लोगों की मौत हो गई और 12 लोग जख्‍मी हो गए. हादसे के कारण सेंट्रल लाइन पर यातायात ठप है.

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चलती ट्रेन पर पानी की पाइपलाइन टूट कर गिरने से ट्रेन के ड्राइवर समेत 2 लोगों की मौत हो गई और 11 लोग जख्‍मी हो गए. हादसे के कारण सेंट्रल लाइन पर यातायात ठप है. मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है.

नहीं बच पाया ट्रेन ड्राइवर
यह हादसा ठाणे-मुलुंड रेल लाइन पर मुलुंड के निकट हुई. ठाणे से मुलुंड की ओर आ रही यात्रियों से भरी लोकल ट्रेन पर पानी का पाइपलाइन और पुल टूटकर गिर गया जिसमें ड्राइवर समेत 2 लोगों की मौत हो गई और 12 अन्‍य लोग घायल हो गए. ड्राइवर को 3 घंटे की भारी मशक्‍कत के बाद केबिन से निकाल लिया गया लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी. अस्‍पताल में ड्राइवर ने दम तोड़ दिया.

30 घंटों तक नहीं चलेगी सेंट्रल लाइन पर ट्रेन
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि हादसे की जांच की जा रही है और राहत एवं बचाव कार्य को और तेजी से निपटाने का काम किया जा रहा है. अधिकारियों के अनुसार मुंबई सेंट्रल लाइन पर रेल यातायात को बंद कर दिया गया है. रेलवे अधिकारियों के अनुसार इस रुट पर अगले 30 घंटों तक यातायात ठप रहने की आशंका है. घटना के बाद रेलवे ट्रैक पर हजारों की तादाद में लोग जमा हो गए. पाइपलाइन टूटने के कारण रेलवे ट्रैक पर पानी भर गया. मौके से मलबा हटाने एवं लोगों को बचाने का काम काफी तेजी से जारी है.

एक प्रत्‍यक्षदर्शी का बयान
हमारे एक पाठक डा. सत्‍येंद्र कुमार उपाध्‍याय ने ट्रेन पर पाइपलाइन गिरने की घटना के बाद की जानकारी भेजा है. वो भी उसी ट्रेन से सफर कर रहे थें जिस पर पाइपलाइन टूट कर गिरी. सत्‍येंद्र ने अपने मेल में लिखा है कि वे आज सुबह 10.33 बजे ऑफिस के लिए भंडुप से ट्रेन में सवार हुए और मुलुंड स्‍टेशन से कुछ ही समय पहले ट्रेन की छत पर एक भारी धमाके के साथ किसी चीज की गिरने की आवाज आई. हाइट कम होने के कारण सत्‍येंद्र को कम चोट लगी लेकिन कई लोगों को काफी चोटें आई. अगर ट्रेन काफी स्‍पीड में होती तो शायद काफी बड़ा हादसा होता. हादसे के बाद सत्‍येंद्र ने देखा कि टूटे हुए पाइप लाइन से काफी तेजी में पानी  गिर रहा है. वहां पर इलेक्ट्रिक वायर टूटी हुई थी और लोग चिल्‍ला रहे थें. कई लोग तो अपनी जान बचाने के लिए लिए ट्रेन से नाले में छलांग लगा दिए. सत्‍येंद्र ने लिखा है कि उसने कई लोगों को नाले से बाहर निकालने में मदद की. उसका कहना है कि अगर इलेक्ट्रिक वायर टूट कर बाहर की तरफ गिरा होता तो न जाने कितने लोगों की जान चली जाती.

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