चक्रवाती तूफान ‘लैला’ के असर के चलते हुई भारी बारिश से उत्तरी तमिलनाडु के तटीय जिलों में तबाही का मंजर है. इस प्राकृतिक आपदा में दो लोग मारे गए हैं और सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. चक्रवाती तूफान के गुरुवार को आंध्र प्रदेश के तट को पार करने की सम्भावना है.
‘लैला’ के असर के कारण चल रही तेज हवा की वजह से तमिलनाडु के तटीय इलाकों में मची तबाही के बीच सोमवार को मछली पकड़ने के लिये समुद्र में बड़ी संख्या में गए मछुआरे लापता हो गए हैं. मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पमबन, उचिपुली और आसपास के इलाकों में रहने वाले मछुआरे गत 17 मई की रात को मोटरचालित नौकाओं पर सवार होकर समुद्र में गए थे. अब उनका कुछ अता-पता नहीं है.
उन्होंने कहा कि 100 से ज्यादा नौकाओं पर सवार होकर समुद्र में गए मछुआरों की सही संख्या का पता नहीं लग सका है. माना जा रहा है कि वे मछुआरे समुद्र के खराब मिजाज और चक्रवाती तूफान के कारण चल रही हवा से पार नहीं पा सके. लापता मछुआरों का पता लगाने के लिये अभियान चलाया जा रहा है. तूफान के और सघन होने तथा उत्तरपश्चिमी से उत्तरी दिशा में केन्द्रित होकर मछलीपट्टनम के नजदीक नेल्लोर और काकीनाडा के बीच आंध्र प्रदेश के तट को पार करने की आशंका है.
मौसम विभाग के मुताबिक इसके प्रभाव के चलते उत्तरी तटीय तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश में व्यापक वर्षा होने, कुछ स्थानों पर भारी तथा कई स्थानों पर बहुत भारी वष्रा होने का अनुमान है. मछुआरों से कहा गया है कि वे समुद्र में नहीं जाएं.
तटीय क्षेत्रों में झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने तथा वर्षा से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को घर के अंदर ही रहने की सलाह दी गई है. चेन्नई के अनेक इलाके पानी में डूब गए हैं और वहां लोगों को घुटनों तक पानी होने की वजह से खासी परेशानी उठानी पड़ रही है. तेज हवा की वजह से अनेक स्थानों पर पेड़ उखड़ जाने के कारण यातायात में काफी परेशानियां हो रही हैं.