निष्क्रिय पड़ी सहकारी आवासीय समितियों को जालसाजी से भूमि आवंटन करने के 4,000 करोड़ रूपये के घोटाले में कथित तौर पर लिप्त शहर के दो अधिकारियों को दिल्ली की एक अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.
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विशेष न्यायाधीश आर पी पांडे ने सहकारी समितियों के पंजीयक कार्यालय के अधिकारियों एस डी शर्मा और देवजीत दत्ता को सबूतों के अभाव में ऐसे समय पर बरी किया है जब आरोपियों पर आरोप तय किए जा रहे हैं.
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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने कहा कि मैंने पाया कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आरोप तय करने के लिए आरोपियों एस डी शर्मा और देवजीत दत्ता के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं. इसलिए दोनों को बरी किया जाता है.
अदालत ने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत नौकरशाहों के खिलाफ सुनवाई खत्म होने के बाद अन्य आरोपियों के संदर्भ में अदालत अपना न्यायक्षेत्र समाप्त करती है और यह मामला मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के पास भेजती है.