दक्षिण पश्चिमी पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में मोटरसाइकिल पर सवार अज्ञात बंदूकधारियों ने एक बस से जबरन लोगों को उतार कर कम से कम 26 शिया मुस्लिम तीर्थयात्रियों को गोलियों से भून डाला.
शिया तीर्थयात्रियों को लेकर प्रांतीय राजधानी क्वेटा से सीमावर्ती शहर ताफतान जा रही बस को बलूचिस्तान के मस्तांग जिले में बंदूकधारियों ने रुकवा लिया. इस इलाके को प्रतिबंधित संगठन लश्कर ए झांग्वी का गढ़ माना जाता है.
बंदूकधारियों ने यात्रियों को बस से नीचे उतरने का आदेश दिया और उन्हें एक लाइन में खड़ा कर उन पर अंधाधुंध तरीके से गोलियों की बौछार कर दी. उपायुक्त शाह नवाज नौशेरवानी ने मीडिया को बताया कि इस घटना में कम से कम 26 लोग मारे गए तथा छह अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.
घायलों को मस्तांग से करीब 40 किलोमीटर दूर क्वेटा के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. हमला करने वाले चारों बंदूकधारी मोटरसाइकिल पर सवार होकर भाग निकले. किसी संगठन ने अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.
लश्कर ए झांग्वी एक जातिवादी संगठन है जो देशभर में शियाओं को निशाना बनाता रहा है. मस्तांग को इस संगठन का गढ़ माना जाता है.
बस के चालक खुशाल खान ने संवाददाताओं को बताया कि हमलावरों ने एक ट्रक खड़ा कर सड़क अवरूद्ध कर दी थी और बस रुकवा कर यात्रियों को नीचे उतरने का आदेश दिया था. शिया तीर्थयात्री ताफतान की ओर जा रहे थे जहां से वे सीमा पार कर ईरान में तीर्थयात्रा के लिए जाने वाले थे.
खान ने कहा, ‘हमलावरों के हाथ में क्लाश्निकोव रायफल और रॉकेट लॉन्चर थे. जब उन्होंने गोलीबारी शुरू की तो हममें से कुछ लोग भागे जिससे हम बच गए.’
बलूचिस्तान के गृह सचिव नसीबुल्ला बजई ने बताया कि शिया श्रद्धालुओं को ले जाने वाले वाहनों को आम तौर पर सुरक्षा मुहैया कराई जाती है. लेकिन इस बार श्रद्धालुओं ने न तो गृह विभाग को अपनी यात्रा के बारे में सूचित किया था और न ही सुरक्षा मांगी थी. बस चालक खान ने बताया कि बस में करीब 45 यात्री थे. उसने कहा कि हमले के करीब एक घंटे के बाद सुरक्षा बल वहां पहुंचे.
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निन्दा की और उसे अमानवीय तथा आतंकवाद का क्रूर कृत्य करार दिया. उन्होंने कहा कि ऐसी कायराना हरकतें सरकार को आतंकवाद का मुकाबला करने से रोक नहीं सकतीं.