scorecardresearch
 

हिट एंड रन: सलमान खान पर चलेगा गैर-इरादतन हत्‍या का केस

बॉलीवुड के दबंग सलमान खान को बड़ा झटका लगा है और उनकी मुसीबत बढ़ गई है. मुंबई के सेशंस कोर्ट ने साल 2002 के हिट एंड रन मामले में उनकी पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है और अब उनके खिलाफ गैर-इरादतन हत्‍या का केस चलेगा. अब अगर सलमान दोषी पाए जाते हैं तो उन्‍हें 10 साल तक की सजा हो सकती है.

Advertisement
X
Salman Khan
Salman Khan

बॉलीवुड के दबंग सलमान खान को बड़ा झटका लगा है और उनकी मुसीबत बढ़ गई है. मुंबई के सेशंस कोर्ट ने साल 2002 के हिट एंड रन मामले में उनकी पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है और अब उनके खिलाफ गैर-इरादतन हत्‍या का केस चलेगा. अब अगर सलमान दोषी पाए जाते हैं तो उन्‍हें 10 साल तक की सजा हो सकती है.

Advertisement

दरअसल, सलमान ने निचली अदालत के जज के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी, जिन्होंने इसे हत्या नहीं बल्कि सदोष मानवहत्या का कठोर मामला मानते हुए दोबारा सुनवाई के आदेश दिए थे. इस मसले पर बहस मई में पूरी हुई थी और सलमान के वकील अशोक मुंडार्गी ने निचली अदालत के आदेश को भ्रामक और कानून के मुताबिक गलत और दर्ज सुबूत के खिलाफ बताया था.

मुंबई की एक सत्र अदालत ने सोमवार को कहा कि साल 2002 के हिट एंड रन मामले में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के खिलाफ आईपीसी के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला बनता है और उन्होंने यह आरोप लगाने वाले मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी अपील को खारिज कर दिया.

खुली अदालत में फैसला लिखवाते हुए सत्र न्यायाधीश यू बी हेजिब ने कहा कि सलमान को गैर इरादतन हत्या के आरोपों का सामना करना चाहिए. उन आरोपों के तहत अभिनेता को 10 साल तक की जेल हो सकती है और इसपर सत्र अदालत मुकदमा चला सकती है.

Advertisement

सलमान के खिलाफ इससे पहले लापरवाही से मौत (आईपीसी की धारा 304 ए) के तहत हल्के आरोप के लिए मजिस्ट्रेट ने मुकदमा चलाया था. उसके तहत अधिकतम 2 साल के कारावास का प्रावधान है.

हालांकि, मामले में नया मोड़ लाते हुए बांद्रा के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने 17 गवाहों का परीक्षण करने के बाद 47 वर्षीय अभिनेता के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के अधिक गंभीर आरोप लगाए थे और इसे दोबारा मुकदमा चलाने के लिए सत्र अदालत के पास भेज दिया था.

गैर इरादतन हत्या के गंभीर आरोप (आईपीसी की धारा 304 भाग 2) लगाने के खिलाफ दलील देते हुए उनके वकील अशोक मुंदारगी ने कहा कि मजिस्ट्रेट का आदेश 'त्रुटिपूर्ण, कानूनन गलत और रिकॉर्ड में दर्ज सबूतों के विपरीत' था.

गौरतलब है कि सलमान के एसयूवी वाहन ने 28 सितंबर 2002 को बांद्रा उपनगर में फुटपाथ पर सो रहे पांच लोगों को कुचल दिया था, जिनमें से एक की मौत हो गई थी.

Live TV

Advertisement
Advertisement