13 अगस्त 2011 को मुंबई को तीन धमाकों से दहलाने वाले यासीन भटकल और असदुल्लाह अख्तर अब महाराष्ट्र एटीएस की गिरफ्त में है. मुंबई की सेशन में एटीएस ने दोनों से कई गंभीर मामलों की जांच के मामले में कस्टडी मांगी जिसके बाद कोर्ट ने दोनों आतंकियों को 18 फरवरी तक एटीएस की कस्टडी में भेज दिया है.
अपने नापाक मंसूबों से 13 अगस्त 2011 को दादर कबूतर खाना, झवेरी बाजार और ओपेरा हाउस में चार धमाके कर 27 लोगों की जान लेने वाले यासीन भटकल और उसके शागिर्द असदुल्लाह अख्तर उर्फ तबरेज़ को मुंबई की सेशन कोर्ट में पेश किया गया.
इन दोनों आतंकियों से गहन पूछताछ कर एटीएस जानना चाहती है कि
- धमाके के लिए इस्तेमाल किये गए IED को किसने और कैसे तैयार किया था?
- बारूद कहां से और किसने मुहैया कराया था?
- धमाके के लिए इस्तेमाल किये गई दो दोपहिया गाड़ियों को किसने और कहां से चुराया था?
- धमाके के लिए हवाला से पैसे किसने और किसको मुहैया कराये?
- धमाके की साजिश कब कैसे और कहां रची गयी?
- दोनों के इन्डियन मुजहिद्दिनी से क्या सम्बन्ध है ?
- भविष्य में दोनों के और कहां-कहां धमाके करने की मंशा थी?
इस छानबीन के लिए अदालत ने भटकल और तबरेज़ को 18 फरवरी तक एटीएस कस्टडी में भेज दिया है.
सरकारी वकील उज्जवल निकम ने बताया, ‘दोनों ही खूंखार आतंकियों को जबरदस्त सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया. अदालत में जहां एक तरफ यासीन भटकल मुस्करा रहा था तो वहीं असदुल्लाह के चेहरे पर डर के भाव साफ दिख रहे थे. दोनों ने गुजारिश की कि उन्हें हथकड़ी ना लगाई जाए लेकिन उनके ऊपर खतरे को देखते हुए अदालत ने उनकी मांग को ठुकराते हुए कहा की एक जगह से दूसरी जगह जब दोनों आतंकियों को लेकर जाया जाए, तब उन्हें हथकड़ी में ही रखा जाए. अब सबकी निगाहें एटीएस पर टिकी है की पूछताछ के बाद क्या कुछ सामने निकल कर आता है?’