scorecardresearch
 

'मिशन 2014' में मोदी के सामने राहुल गांधी का कद छोटा!

कांग्रेस इस सच को बखूबी जानती है कि 2014 के मिशन में राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी ही टकराएंगे. मोदी के निशाने पर मनमोहन सरकार के कामकाज से लेकर गांधी परिवार होगा ही.

Advertisement
X
नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी
नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी

कांग्रेस इस सच को बखूबी जानती है कि 2014 के मिशन में राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी ही टकराएंगे. मोदी के निशाने पर मनमोहन सरकार के कामकाज से लेकर गांधी परिवार होगा ही. लेकिन राहुल गांधी को उसी मनमोहन सरकार का गुणगान करना होगा जिसके दौर में भ्रष्टाचार की नदी बही तो मंहगाई ने आम आदमी का दम निकाला.

Advertisement

ऐसे में राहुल गांधी को भी मोदी की जरूरत होगी, जिसके जरिए गुजरात की आग को देश में फैलाते हुए मोदी के जरिए तो बताएं लेकिन मोदी की गुजरात जीत के मायने छुपा ले जाएं. असल में जयराम रमेश ने मोदी का हौवा जिस तरह खड़ाकर कांग्रेस को डराया उसमें गुजरात दंगे का खौफ नहीं है या सांप्रदायिक मोदी का पुट नहीं है. बल्कि मोदी के बढ़ते कद की ऐसी चुनौती है जो कांग्रेस की बेबसी उभारती है.

जयराम ने गिनाई मोदी की खासियत-
- मोदी अद्भुत प्रचारक हैं.
- मोदी चुनावों में प्रबंधन और विचारधारा के स्तर पर कांग्रेस के लिए चुनौती साबित होंगे.
हालांकि जयराम ने इस बात का भी जिक्र किया कि-
- मोदी भस्मासुर हैं.
- वो सचमुच पहले भारतीय फासीवादी हैं.
- कॉरपोरेट ने हिटलर का भी समर्थन किया था.
यानी आने वाले वक्त में मोदी का मतलब भारतीय राजनीति में क्या होने वाला है इसके संकेत जयराम ने खुले तौर पर दिया. लेकिन कांग्रेस अपने राजकुमार को चुनौती के मैदान में उतारने के लिए रणनीति के तौर पर सही नहीं मानती है क्योंकि इससे राहुल गांधी यानी राजकुमार का औरा खत्म होगा और कांग्रेस का मिथ भी टूट जायेगा. लेकिन कांग्रेस की मुश्किल है की गांधी परिवार से इतर कांग्रेस है नहीं और नई परिस्थिति में पहली बार मोदी से छोटा कद बीजेपी का हो रहा है.

Advertisement

इसलिये मोदी को लेकर कॉरपोरेट के मोदी प्रेम को जो आखरी सच जयराम बोल गए वह मनमोहन की इकोनॉमिक्‍स के लिये भी खतरा है और इस सच से हर कांग्रेसी आंख मूंदे हुये है.

Advertisement
Advertisement