गर्मी के प्रचंड रूप के बीच अब मॉनसून की एंट्री आधे देश में हो चुकी है. बारिश होते ही नदियों का उफान अपने दायरों से बाहर निकलने लगा है. असम में बारिश और बाढ़ ने लोगों के जीवन को खतरे में डाल दिया है. असम के 33 में से 23 जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. इसके कारण 16,03,255 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. गांव के गांव खाली कराए गए हैं. लाखों लोगों ने हाइवे को अपना ठिकाना बनाया है.
असम के 23 जिलों के 2200 से ज्यादा गांव बुरी तरह बाढ़ में घिरे हुए हैं. ब्रह्मपुत्र नदी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. उसकी सहायक नदियां भी उफान पर हैं. राज्य सरकार की ओर से 12 से ज्यादा जिलों में 265 से ज्यादा राहत कैंप बनाए गए हैं. इनमें करीब 30 हजार लोगों को रखा गया है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) ने कहा कि अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है.
असम में धेमाजी, लखीमपुर, बिश्वनाथ, चिरांग, दर्रांग, नलबाड़ी, बारपेटा, बोंगाईगांव, कोकराझार, धुबरी, दक्षिण सालमारा, गोवालपारा, कामरूप, कामरूप (मेट्रो), मोरीगांव, नगांव, गोलाघाट, जोरहट, शिवसागर, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया और पश्चिमी कर्बी आंगलोंग जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं.
प्राधिकरण के मुताबिक, बाढ़ की सबसे अधिक मार बारपेटा पर पड़ी है जहां करीब 8.60 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, जिसके बाद दक्षिण सालमारा में 1.95 लाख, गोवालपारा में 94 हजार से अधिक और मोरीगांव में 62 हजार से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. जिला प्रशासन और आम लोगों ने पिछले 24 घंटे में 4 जिलों से 2,852 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला.
मुख्य सचिव कुमार संजय कृष्णा ने बताया कि राज्य सरकार असम में बाढ़ की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है. उन्होंने ट्वीट किया, 'राज्य भर में बचाव, राहत और समय पर निवारण उपाय शुरू किए गए हैं. संकट के इस समय में सरकार हर आवश्यक कदम उठा रही है. पूरे परिदृश्य में सुधार के संकेत दिखाई दे रहे हैं.'