बिहार में विभिन्न जिलों में फैले मस्तिष्क ज्वर (एक्युट इंसेफलाईटिस सिंड्रोम) के कारण मृतक बच्चों की संख्या बढ़कर 227 हो गयी.
स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव आर पी ओझा ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा पिछले चौबीस घंटों के भीतर पटना जिला और मुजफ्फरपुर में एक-एक बच्चे की मौत होने से मस्तिष्क ज्वर से मरने वाले बच्चों की संख्या बढकर 227 हो गयी है.
उन्होंने बताया कि मस्तिष्क ज्वर से पटना में 53, मुजफ्फरपुर में 158 और गया में 11 और वैशाली में पांच बच्चों की मौत हुई.
ओझा ने बताया कि मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित छह नये मरीज मुजफ्फरपुर में भर्ती किए गए हैं जबकि अबतक इससे कुल ग्रसित होने वाले बच्चों की संख्या 573 रही है.
उन्होंने कहा कि मस्तिष्क ज्वर के लिए गठित टास्क फोर्स का मानना है कि प्रदेश में मानसून के आ जाने से अब राज्य में मस्तिष्क ज्वर के मरीजों में कमी आएगी.
ओझा ने बताया कि मानसून के शुरू होने पर गया जिले में जापानी इंसेफलाईटिस :जेई: की रोगियों की बढने की पूर्व के अनुभव को देखते हुए आगामी 15 जुलाई तक गया जिला और उसके पडोसी जिलों औरंगाबाद, नवादा और झारखंड के चतरा जिला में मैलाथियान की सघन फागिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा.
स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव आर पी ओझा ने बताया कि वर्ष 2007 एवं 2009 में प्रदेश के छह जिलों गया, मुजफ्फरपुर, पश्चिम चंपारण, सीवान, गोपालगंज और नवादा जिलों में जेई से बचाव के लिए एक से 15 वर्ष के बच्चों के बीच मास वैक्सिनेशन किया गया था. उन्होंने कहा कि एक अनुमान के तहत इन जिलों में प्रति माह 45 हजार बच्चे 16वें महीने में प्रवेश कर जाते हैं जिसे देखते हुए अब यहां रूटीन इम्यूनाईजेशन के तहत 16 से 24 महीने तक के बच्चों को जेई का टीका दिया जाता है.
ओझा ने बताया कि गया जिला में जेई के पिछले साल भी 59 मामले प्रकाश में आए थे जिसे देखते हुए इस जिले में भविष्य में जेई के अन्य मामलों के प्रकाश में आने की आशंका के मद्देनजर राज्य सरकार ने वहां एकबार फिर से मास वैक्सिनेशन के लिए तीन लाख जेई का वायल भेजने का अनुरोध किया है पर वह केंद्र से अभीतक प्राप्त नहीं हुआ है.
राज्य सरकार ने 10 जिलों को मस्तिष्क ज्वर से प्रभावित घोषित किया है जिसमें चिकित्सकों के साथ एंबुलेंस वाली मोबाइल यूनिट तैनात की गयी है जिनका काम गांव-गांव जाकर मस्तिष्क ज्वर से ग्रसित मरीजों को चिन्हित कर उनका प्राथमिक उपचार करना और जिन बच्चों की स्थिति गंभीर हो गयी है उन्हें बेहतर इलाज के लिए निकटतम अस्पताल पहुंचाना है.
पटना में ऐसे 23, मुजफ्फरपुर में 16, गया में 24, वैशाली में 17, सीतामढी में 17, पूर्वी चंपारण में 21, भोजपुर में 15, सारण में 16, नालंदा में 21 और नवादा में 15 मोबाइल चिकित्सा दल बनाये गये हैं.