सीमा पर चीन की नापाक साजिश की भनक लगी है. 9 जून को अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी कामेंग जिले में करीब 250 चीनी जवानों ने प्रवेश किया था. पहले ये घुसपैठ की खबर बताई जा रही थी. लेकिन खबरों की मानें तो सीमा पर सही निशान नहीं होने की वजह से सैनिक एक-दूसरे की तरफ घुस जाते हैं. चीनी सेना के भारत में घुसने के बाद दोनों तरफ के सुरक्षाबलों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ, जिसे बाद में सुलझा लिया गया.
भारतीय सेना के विराेध के बाद लौटे चीनी सैनिक
दरअसल चीन अरुणाचल प्रदेश के ज्यादातर हिस्से पर सालों से अपना दावा करता आया है. और इस कड़ी चीनी सैनिकों की बीच-बीच में भारतीय सीमा में घुसपैठ की भी खबर आती रहती है. सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीन से लगती सीमा का निर्धारण नहीं होने की वजह से चीनी सैनिक कई बार भारतीय सीमा घुस आते हैं, लेकिन भारतीय सैनिकों के विरोध के बाद वे वापस लौट जाते हैं.
इस साल की पहली चीनी घुसपैठ की घटना
पूर्वोत्तर क्षेत्र में चीनी सेना के भारतीय सीमा के अतिक्रमण की इस साल की यह पहली घटना है. अतिक्रमण की ये घटना ऐसे वक्त पर आई है जब चीन परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) में भारत की सदस्यता की दावेदारी का विरोध कर रहा है. जबकि वो पाकिस्तान को NSG की सदस्यता दिलाने के पक्ष में है.
NSG सदस्यता को लेकर कांग्रेस की बीजेपी पर हमला
वहीं NSG में भारत की सदस्यता को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला किया है. कांग्रेस का आरोप है कि पीएम मोदी NSG में भारत की दावेदारी को लेकर देश की जनता को गुमराह करने का काम किया है और इसको लेकर उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए. कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि यूपीए सरकार से अच्छे रिश्ते की वजह से अमेरिका NSG में भारत की सदस्यता का समर्थन कर रहा है. जबकि बीजेपी अध्यक्ष ने पलटवार करते हुए कहा कि सरकार ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है जिससे देश का मान-सम्मान कम हो.