मुंबई आतंकी हमले में शामिल आतंकवादियों को सीमा पार से निर्देश देने वालों के आवाज के नमूने (वायस सैम्पल) सौंपने और साजिश रचने वालों के खिलाफ कार्रवाई में देरी पर भारत ने ‘निराशा’ जतायी है.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान में मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ अदालती कार्रवाई ‘एक इंच भी आगे’ नहीं बढ पायी है. भारत ने पाकिस्तान से जिन लोगों के वायस सैम्पल मांगे थे, वे भी अब तक नहीं सौंपे गये हैं और ऐसा लगता है कि पडोसी देश के कान पर जूं भी नहीं रेंग रही है.
सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने कभी कहा था कि वह भारत को इस मामले में ‘निराश नहीं करेंगे.’ केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने इस्लामाबाद यात्रा के दौरान मलिक के समक्ष यह मुद्दा उठाया था और उनको आश्वासन था कि हम अपनी ओर से आपको निराश नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा कि सात महीने बीत जाने के बाद भी पाकिस्तान की ओर से कोई जवाब नहीं आया है जो काफी निराशाजनक बात है.
मुंबई में दो साल पहले हुए आतंकी हमले में शामिल आतंकवादियों को सीमा पार से निर्देश दे रहे किसी भी व्यक्ति को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है.{mospagebreak}
भारतीय जांचकर्ताओं के पास आतंकवादियों और सीमा पार बैठे उनके आकाओं के बीच हुई बातचीत का ब्यौरा है. भारत ने उनके नाम, फोटो और पते भी दिये हैं और पाकिस्तान को केवल उनकी आवाज का मिलान करना है.
सूत्रों ने कहा कि यदि पाकिस्तान हमें वायस सैम्पल दे देता है और उनका मिलान हमारे पास उपलब्ध आवाजों से हो जाता है तो हमें पता लग जाएगा कि आतंकवादियों को निर्देश देने वाला व्यक्ति पाकिस्तान में था और मुंबई में आतंकवादियों को पग पग पर निर्देश दे रहा था. भारत ने पाकिस्तान से साफ शब्दों में कहा है कि उसने मुंबई आतंकी हमले की साजिश रचने वालों के खिलाफ अपने यहां कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है. उसने पाकिस्तान से कहा था कि वह साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करे.
मुंबई पर 26 नवंबर 2008 को हमला करने वाले दस आतंकवादियों को पाकिस्तान से निर्देश दे रहे उनके आकाओं के वायस सैम्पल उपलब्ध कराना इसी प्रतिबद्धता के तहत है. भारत ने हमले में शामिल सात लोगों के बारे में सूचना भी पाकिस्तान को दी है. इनमें पाकिस्तानी सेना के दो अधिकारी भी शामिल हैं.
भारत ने पाकिस्तान से यह भी कहा है कि वह जकी उर रहमान लखवी सहित पाकिस्तानी जेलों में बंद लश्कर ए तय्यबा के आतंकवादियों से पूछताछ के लिए एक टीम पडोसी देश भेजना चाहता है ताकि वह हमले के साजिशकर्ताओं के वायस सैम्पल हासिल कर सके.