26/11 के आतंकवादियों को निर्देश देने में अहम भूमिका निभाने वाले अबू जिंदाल ने हमलों में अपनी संलिप्तता एक मेट्रोपोलिटन अदालत के समक्ष कबूल करने की इच्छा जताई. इससे पहले गुरुवार को उसका आमना-सामना मामले में एक मात्र जीवित हमलावर अजमल कसाब से कराया गया था.
26/11 के मामले में जांच कर रही अपराध शाखा के सूत्रों ने कहा कि 30 साल के सैयद जाबिउद्दीन अंसारी उर्फ अबू जिंदाल ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पी एस राठौड़ के समक्ष मौखिक तौर पर इच्छा जताई कि वह हमलों में अपनी संलिप्तता के बारे में स्वेच्छा से इकबालिया बयान देना चाहता है.
मजिस्ट्रेट ने उसे इकबालिया बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया स्पष्ट की और उसे यह भी बताया कि उसके इकबालिया बयान का इस्तेमाल उसके खिलाफ किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक जिंदाल से जब पूछा गया कि क्या वह अपनी मर्जी से बयान देना चाहता है तो उसने ‘हां’ में जवाब दिया.
सूत्रों ने बताया कि कानूनी प्रावधानों के मद्देनजर अदालत ने जिंदाल को बताया कि उसे सोचने का मौका दिया जाएगा कि वह वाकई इकबालिया बयान देना चाहता है या नहीं. दो दिन बाद उसे फिर अदालत में पेश किया जाएगा और उससे पूछा जाएगा कि क्या वह बयान देना चाहता है.
अभी तक अपराध शाखा की हिरासत में रहे जिंदाल को आर्थर रोड जेल की एकांत कोठरी में कैद किया जाएगा ताकि कोई उसे प्रभावित नहीं कर सके.
26/11 के हमलों की साजिश में शामिल रहने के आरोप में गिरफ्तार किये गये जिंदाल को इससे पहले कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में लाया गया और मामले में वादियों तथा मीडिया से अदालत कक्ष से बाहर जाने को कहा गया.