scorecardresearch
 

26/11 के बाद कई रात नहीं सो पाए थे मनमोहन सिंह

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अमेरिकी राजनयिकों से कहा था कि मुंबई हमले के बाद पाकिस्तान की ओर से इसी तरह के और हमलों की धमकियों के चलते कई रातों तक वह ठीक से नहीं सो पाये थे. इस बात का खुलासा विकीलीक्स ने किया है.

Advertisement
X

Advertisement

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अमेरिकी राजनयिकों से कहा था कि मुंबई हमले के बाद पाकिस्तान की ओर से इसी तरह के और हमलों की धमकियों के चलते कई रातों तक वह ठीक से नहीं सो पाये थे. इस बात का खुलासा विकीलीक्स ने किया है.

विकीलीक्स के माध्यम से समाचार चैनल ‘एनडीटीवी’ द्वारा प्राप्त गोपनीय दस्तावेजों में यह खुलासा हुआ है कि मनमोहन सिंह ने जून, 2009 में तत्कालीन उप मंत्री निकोलस बर्न्‍स से कहा था कि उनकी रातों की नींद उड़ गयी है. विकीलीक्स के दस्तावेज के मुताबिक, ‘उस वक्त जब पाकिस्तान में भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की साजिश रची जा रही है, अगर मैं पाकिस्तान के साथ शांति की बात करेंगे तो भारतीय लोगों के सामने हास्यायपद लगूंगा.’

मनमोहन ने बर्न्‍स को बताया कि उन्हें मालूम है कि इसी तरह के अन्य हमलों की धमकी मिली है और वह ‘रातों को सो नहीं पा रहे हैं.’ विकीलीक्स द्वारा लीक 11 अगस्त 2009 के एक अन्य दस्तावेज के मुताबिक, तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम. के. नारायणन ने भारत में अमेरिकी राजदूत टिमोथी जे रोमर से कहा था कि पाकिस्तान के साथ कैसे पेश आएं, इस बात पर उनके विचार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अलग हैं.

Advertisement

नारायणन ने रोमर से कहा कि वह खुद मनमोहन सिंह के इस विश्वास पर यकीन नहीं रखते कि भारत पाकिस्तान की ‘नियति एक साथ’ जुड़ी हुयी है. नारायणन ने रोमर से कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री से कहा कि आप भले ही साझा नियति के बारे में सोच रहे हों मगर मैं ऐसा नहीं सोचता.’विकीलीक्स के इस गोपनीय दस्तावेज में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री आसिफ अली जरदारी के विचारों को भी व्यक्त किया है. जरदारी ने यह बातें 30 जून 2009 को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेम्स जोन्स से कही थी.

जरदारी ने जोन्स से कहा था, ‘मनमोहन सिंह एक अच्छे अर्थशास्त्री हैं मगर मुझे इस बात पर यकीन नहीं है कि वह मेरी बाध्यताओं को समझते हैं.’

Advertisement
Advertisement