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पिछले साल कतर में 279 प्रवासी भारतीय कामगारों की मौत हुई: एमनेस्टी

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2022 में फीफा विश्व कप का आयोजन करने जा रहे कतर में वर्ष 2014 में करीब 279 प्रवासी भारतीय कामगारों की मौत हुई. भारत सबसे ज्यादा प्रवासी कामगार भेजने वाले देशों में से एक है.

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एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2022 में फीफा विश्व कप का आयोजन करने जा रहे कतर में वर्ष 2014 में करीब 279 प्रवासी भारतीय कामगारों की मौत हुई. भारत सबसे ज्यादा प्रवासी कामगार भेजने वाले देशों में से एक है.

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रिपोर्ट का शीर्षक 'प्रॉमिसिंग लिटिल डिलिवरिंग लेस: कतर एंड माइग्रेन्ट एब्यूज अहेड ऑफ द 2022 फुटबॉल वर्ल्ड कप' है, जिसमें भारत सरकार के आधिकारिक आंकड़ों का हवाला दिया गया है.

लंदन स्थित मानवाधिकार निकाय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2014 में कतर में 279 भारतीय प्रवासी कामगारों की मौत हुई. इन आंकड़ों में प्रवासी कामगारों की मौत के हर तरह के कारण हैं. इनमें ऐसे कारण भी शामिल हैं जो श्रम संबंधी हालात से सीधे तौर पर संबद्ध नहीं हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है, 'भारत और नेपाल के 441 प्रवासी कामगारों की कतर में 2014 में मौत हुई. ये देश सर्वाधिक प्रवासी कामगार भेजने वाले देशों में से हैं.' बीते बरस कतर में जान गंवाने वाले प्रवासी कामगारों में से नेपाली प्रवासी कामगारों की संख्या 162 है.'

कतर में वर्ष 2022 के फीफा फुटबाल वर्ल्ड कप की तैयारियां चरम पर हैं और वह अप्रत्याशित रूप से वैश्विक जांच के दायरे में भी है. कतर में विश्व कप के मीडिया कवरेज में तीन मुद्दे छाये हुए हैं. टूर्नामेंट की नीलामी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के आरोप, कतर में गर्मी के दौरान तापमान को लेकर चिंता और प्रवासी निर्माण कामगारों का शोषण सबसे ऊपर है.

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