सरकार ने कहा है कि भारत के महापंजीयक की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में नवजात शिशु मृत्यु दर प्रति हजार जीवित जन्मों पर 33 है और 29 फीसदी नवजातों की मौत का कारण संक्रमण होता है.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा को बताया कि मरने वाले नवजात शिशुओं की मौत के 29 फीसदी मामले निमोनिया, सेप्टीसेमिया और गर्भनाल में संक्रमण की वजह से होते हैं. समय पूर्व प्रसव के कारण 24 फीसदी तथा जन्म के तुरंत बाद सांस लेने में अक्षमता की वजह से 19 फीसदी नवजातों की मौत हो जाती है.
उन्होंने राजीव प्रताप रूडी के प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि महापंजीयक की रिपोर्ट के अनुसार, नवजात शिशुओं की मौत के सर्वाधिक 44 फीसदी मामले मध्यप्रदेश में, 42 फीसदी मामले ओडिशा में और 40 फीसदी मामले राजस्थान में हुए हैं.
आजाद ने मलेरिया के बारे में पूछे गए कनिमोई के प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि वर्ष 2010 के दौरान इस बीमारी से देश भर में 1018 लोगों की मौत हुई. मलेरिया से ओडिशा में सर्वाधिक 247 लोगों की मौत हुई जबकि महाराष्ट्र में इस बीमारी ने 200 लोगों की और अरूणाचल प्रदेश में 103 लोगों की जान ली.