2जी स्पेक्ट्रम आबंटन घोटाले की तेजी से सुनवाई के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत के गठन करने का फैसला किया है.
उच्च न्यायालय के सूत्रों ने बताया कि मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई न्यायाधीश ओपी सैनी को केवल इस मामले की सुनवाई के लिए विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया गया है.
अपराध के आकार को देखते हुए उच्चतम न्यायालय की विशेष अदालत गठित करने की टिप्पणी के बाद यह फैसला किया गया है.
न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति एके गांगुली की पीठ ने सरकार को अदालत गठित करने का सुझाव देते हुए कहा था, ‘जब तक सरकार विशेष अदालत गठित करने को तैयार नहीं हो जाती, इसका उद्देश्य हल नहीं हो सकता. यह वक्त की मांग है. इन अपराधों से निपटने के लिए हमें विशेष अदालतों की जरूरत है.’
पीठ ने कहा, ‘अगर हम इस मकसद को पाना चाहते हैं तो यह मौजूदा मानवशक्ति और बुनियादी सुविधाओं में संभव नहीं और इसके लिए हमें विशेष अदालत चाहिए होंगी.’ केंद्र सरकार ने इसके बाद दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया. न्यायालय ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव से सलाह लेने के बाद विशेष अदालत के गठन का फैसला किया. उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को सीबीआई जांच से जुडे मामले की होने वाली सुनवाई के दौरान केंद्र इस बारे में न्यायालय को सूचित करेगी.