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जोशी की गैरमौजूदगी में 2जी मसौदा रिपोर्ट रद्द

2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले की जांच कर रही लोक लेखा समिति (पीएसी) की बैठक में गुरुवार को हंगामा होने पर अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के उठकर चले जाने के बाद हुए मतदान में उनके द्वारा तैयार मसौदा रिपोर्ट को संप्रग सदस्यों ने सपा और बसपा के सदस्यों के सहयोग से एक मत से रद्द कर दिया.

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मुरली मनोहर जोशी
मुरली मनोहर जोशी

2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले की जांच कर रही लोक लेखा समिति (पीएसी) की बैठक में गुरुवार को हंगामा होने पर अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के उठकर चले जाने के बाद हुए मतदान में उनके द्वारा तैयार मसौदा रिपोर्ट को संप्रग सदस्यों ने सपा और बसपा के सदस्यों के सहयोग से एक मत से रद्द कर दिया.

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मसौदा रिपोर्ट पर विचार के लिए बुलाई गई समिति की बैठक गुरुवार को अफरातफरी भरे माहौल में समाप्त हुई. रिपोर्ट में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा को दोषी ठहराने के साथ प्रधानमंत्री, पीएमओ, चिरंबदम और अन्य लोगों को कटघरे में खड़ा किया गया है.

वरिष्ठ भाजपा नेता जोशी मतदान से पहले बैठक से उठकर चले गए. जोशी ने कहा कि उन्होंने बैठक को स्थगित कर दिया है, इसलिए कोई कार्यवाही नहीं हो सकती है.

हालांकि संसदीय कार्यमंत्री पवन कुमार बंसल ने इस विषय पर उनसे मतभेद जताते हुए कहा, ‘‘हमारे विचार से रिपोर्ट खारिज हो गई है. यह मामला समाप्त हो गया है. अब सभी निगाहें जेपीसी पर हैं.’’ इस पीएसी का कार्यकाल 30 अप्रैल को समाप्त हो रहा है.

यह पूछे जाने पर कि जोशी रिपोर्ट पेश कर सकते हैं, उन्होंने कहा, ‘‘ इसमें पेश करने जैसा कुछ नहीं है. यह केवल मसौदा है.’’ इस सवाल पर कि अगली पीएसी में अध्यक्ष के रूप में क्या जोशी टू जी मुद्दे को फिर ले सकते हैं, बंसल ने कहा कि यह संभव नहीं है.

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समिति की बैठक में उस समय अभूतपूर्व स्थिति उत्पन्न हो गई, जब सत्तारूढ कांग्रेस और द्रमुक सांसदों ने सपा और बसपा सदस्यों के सहयोग से कांग्रेस सांसद सैफुद्दीन सोज को समिति का अध्यक्ष नियुक्त करते हुए इस रिपोर्ट को रद्द कर दिया. कांग्रेस और द्रमुक सदस्यों ने रिपोर्ट लीक होने पर समिति के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी को आड़े हाथों लिया.

पीएसी की बैठक में सत्तारूढ पार्टी के सांसद इस रणनीति के साथ आए थे कि इस विषय में वे लिखित में रिपोर्ट को रद्द करने पर जोर देते हुए मतदान की मांग करेंगे. सपा और बसपा सहित 11 सांसदों ने लिखित में कहा, ‘‘मैं टूजी स्पेक्ट्रम और थ्री जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले पर पीएसी के अध्यक्ष की ओर से वितरित मसौदा रिपोर्ट को हाल के घटनाक्रम के मद्देनजर रद्द करता हूं.’’

करीब तीन घंटे तक चली चर्चा के बाद जोशी के समक्ष कई बार कठिन परिस्थिति उत्पन्न हुई जिसके कारण जोशी को बैठक दो बजे स्थागित करनी पड़ी. इसके बाद उन्होंने अलगे सत्र के शुरू होने का समय चार बजे निर्धारित किया.

बैठक फिर शुरू होने पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने प्रस्ताव पेश कर मसौदा रिपोर्ट को रद्द करने की मांग की और इस विषय पर मतदान कराने पर जोर दिया जिसका कांग्रेस, द्रमुक के अलावा सपा और बसपा सदस्यों ने भी समर्थन किया. इसके बाद अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई और दोनों पक्षों के सदस्यों के बीच गर्मागर्म बहस के बाद बैठक कुछ ही मिनट में समाप्त हो गई.

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सोज़ ने दावा किया कि भाजपा, जदयू, बीजद और अन्नाद्रमुक के नौ सदस्यों के बैठक से चले जाने बाद हुए मतदान में 11 सदस्यों ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि वह पूरी स्थिति से लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को अवगत करायेंगे.

मसौदा रिपोर्ट में प्रधानमंत्री को घेरे में लेते हुए कहा गया है कि पीएमओ ने परोक्ष रूप से राजा को अनियतिताएं बरतने को हरी झंडी दी . इसमें तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम को राजस्व नुकसान के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने की बजाए प्रधानमंत्री को इस ‘विषय को समाप्त’ समझे जाने की सिफारिश करने के लिए घेरे में लिया गया है.

इस वृहद रिपोर्ट में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए कुछ अप्रिय शब्दों का इस्तेमाल किया गया और कहा गया कि उन्होंने इस मामले में अपने कार्यालय को इतनी दूर रखा जिससे राजा को अपने गलत कृत्यों को आगे बढ़ाने में मदद मिली.

लोक लेखा समिति की गुरुवार की बैठक में उत्पन्न अभूतपूर्व स्थिति पर मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सहित प्रमुख लोगों की ओर शक की सुई जाने से घबराए कांग्रेस और सरकार के लोग समिति के अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ ‘‘प्रायोजित और सुनियोजित’’ हल्ला बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले तक स्वयं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता जोशी के कामकाज की सराहना कर रहे थे. प्रधानमंत्री ने पीएसी के समक्ष पेश होने तक की जोशी से पेशकश की थी.

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वहीं, कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने से कहा, ‘‘ कांग्रेस मसौदा रिपोर्ट को खारिज किये जाने का समर्थन करती है. पार्टी सदस्यों ने पीएसी की बैठक में जो कुछ किया हम उसका समर्थन करते हैं.

भाजपा पर पीएसी जैसी महत्वपूर्ण संसदीय समिति के राजनीतिकरण का आरोप लगाते हुए कांग्रेस प्रवक्ता जयंति नटराजन ने जोशी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें यह स्पष्टीकरण देना चाहिए कि पीएसी की यह मसौदा रिपोर्ट कैसे लीक हुई.

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