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कोर्ट ने ए. राजा को 5 दिनों की सीबीआई रिमांड में भेजा

दिल्‍ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ए. राजा को 5 दिनों की सीबीआई रिमांड पर भेजे जाने का आदेश दिया है.

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A Raja
A Raja

दिल्ली की एक अदालत ने द्रमुक सांसद और पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में घोटाले के आरोपों की जांच के संबंध में पांच दिन के लिये केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत रखने की अनुमति दी है.

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सीबीआई ने राजा को बुधवार को अपने मुख्यालय में तलब कर गिरफ्तार कर लिया. उनके साथ मंत्रालय में रहे दो अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया गया है. राजा और अन्य पर 2007-08 में 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस आवंटन में कुछ कंपनियों को गैर कानूनी तरीके से फायदा पहुंचाने का आरोप है. सीबीआई का कहना है कि इससे सरकार को 22,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ.

जांच एजेंसी ने उन्हें पांच दिन की हिरासत में दिये जाने का अनुरोध किया था जिसे अदालत ने मान लिया. राजा, पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा तथा राजा के पूर्व निजी सचिव आर के चंदोलिया को गुरुवार को सीबीआई के विशेष जज ओ पी सैनी की अदालत में पेश किया गया. इन तीनों को बुधवार को गिरफ्तार किया गया था. {mospagebreak}

भूरे रंग का सफारी सूट पहने 47 वर्षीय द्रमुक सांसद शांत और संयत दिख रहे थे. उन्होंने हाथ जोड़कर जज का अभिवादन किया. उनके वकील रमेश गुप्ता ने राजा से बातचीत के लिये समय दिये जाने का अदालत से अनुरोध किया. जज ने उन्हें इसके लिये 10 मिनट का समय दिया. सीबीआई के वकील अखिलेश ने राजा को हिरासत में दिये जाने की दलील दी.

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उन्होंने कहा कि राजा 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस में कुछ कंपनियों का पक्ष लिया जिससे सरकार को 22,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि राजा के कारण कम से कम दो कंपनियों (स्वान टेलीकाम और यूनिटेक) को अपनी हिस्सेदारी बेचकर सैकड़ों करोड़ रुपये का फायदा हुआ है. इन कंपनियों ने लाइसेंस हासिल करने के तुरंत बाद अपनी हिस्सेदारी विभन्न वैश्विक कंपनियों को बेची और करोड़ों रुपये कमाये.

सीबीआई ने कहा कि आगे की पूछताछ के लिये पूर्व मंत्री को हिरासत में लिया जाना जरूरी था क्योंकि इससे पहले एजेंसी के मुख्यालय में पूछताछ के दौरान उन्होंने कई सवालों का गोलमोल जवाब दिया. यह पहला मौका है जब सीबीआई 2जी घोटाले में प्रत्यक्ष रूप से राजा पर आरोप लगा रही है. इससे पहले, जांच एजेंसी ने 21 अक्तूबर 2009 को अज्ञात अधिकारियों, निजी व्यक्तियों तथा कंपनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. {mospagebreak}

एजेंसी ने 22,000 करोड़ रुपये के नुकसान की जो बात कही है, वह सीवीसी के आकलन पर आधारित है. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में 1.76 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित नुकसान की बात कही है. राजा के वकील रमेश गुप्ता ने सीबीआई की अर्जी का विरोध किया और कहा कि उनका मुवक्किल निर्दोष है.

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2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस का आवंटन मंत्रिमंडल तथा विभिन्न सांविधिक निकायों से मिली मंजूरी के आधार पर किया गया. गुप्ता ने कहा, ‘अत: राजा अकेले इस कथित घोटाले के लिये जिम्मेदार नहीं हैं.’ बहरहाल, दलील पूरी होने के बाद जज ने राजा और दो अन्य को पांच दिन के लिये सीबीआई हिरासत में भेजे जाने का आदेश दिया.

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