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मोरानी मामला: चिकित्सकीय बोर्ड का होगा गठन

दिल्ली उच्च न्यायालय ने फिल्म निर्माता और 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के आरोपी करीम मोरानी के स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिये तीन सदस्यीय चिकित्सा बोर्ड का गठन करने और इस संबंध में तीन दिन के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिये.

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने फिल्म निर्माता और 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के आरोपी करीम मोरानी के स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिये तीन सदस्यीय चिकित्सा बोर्ड का गठन करने और इस संबंध में तीन दिन के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिये. मोरानी ने स्वास्थ्य कारणों के आधार पर उन्हें अंतरिम जमानत देने की मांग की है.

न्यायमूर्ति अजीत भरीहोक ने कहा कि जीबी पंत अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को करीम मोरानी के स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिये तीन चिकित्सकों के एक बोर्ड का गठन करने, तीन

दिन के भीतर उनकी चिकित्सकीय स्थिति के बारे में रिपोर्ट दाखिल करने और उपचार का तरीका सुझाने के निर्देश दिये जाते हैं.

इससे पहले न्यायाधीश ने मोरानी के स्वास्थ्य के बारे में किसी चिकित्सक से सलाह लिये बिना अपूर्ण चिकित्कीय रिपोर्ट दाखिल करने के लिये सीबीआई को आड़े हाथ लिया था.

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अदालत ने आगाह किया कि अगर अस्पताल 53 वर्षीय मोरानी के बारे में तय समय सीमा के भीतर रिपोर्ट दाखिल नहीं कर पाता है तो उसके चिकित्सा अधीक्षक को निजी तौर पर पेश

होना पड़ेगा. मोरानी अभी तिहाड़ जेल में बंद हैं. अदालत ने इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 14 जुलाई तय कर दी.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने चिकित्सकीय बोर्ड का गठन करने के निर्देश सीबीआई की इस अर्जी पर दिये कि अस्पताल के चिकित्सकों ने मोरानी का परीक्षण किये बिना उन्हें दिये जाने वाले

उपचार और बीमारी की प्रकृति के बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. सीबीआई के वकील ने कहा कि मोरानी 30 जून से अस्पताल नहीं गये हैं और चिकित्सक बिना मोरानी को

देखे उनकी स्थिति पर टिप्पणी करना नहीं चाहते.

स्वास्थ्य कारणों के आधार पर अंतरिम जमानत देने की मोरानी की अर्जी पर सुनवाई कर रही अदालत ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को निर्देश दिये कि आरोपी को चिकित्सकीय परीक्षण के

लिये अस्पताल ले जाया जाये.

अदालत ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक और चिकित्सा अधिकारी से मोरानी का उचित इलाज सुनिश्चित कराने को कहा.

सीबीआई की विशेष अदालत ने मोरानी की गिरफ्तारी करने के आदेश दिये थे. मोरानी पर शाहिद उस्मान बलवा की एक कंपनी के जरिये द्रमुक संचालित कलेंग्नर टीवी को 200 करोड़ रुपये

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की रिश्वत पहुंचाने में मदद करने का आरोप है.

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