द्रमुक नेता एवं केन्द्रीय कपड़ा मंत्री दयानिधि मारन भी अब स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के आरोपों के दायरे में आ गये हैं. कांग्रेस ने जहां इन आरोपों से अपना पल्ला झाड़ लिया, वहीं भाजपा ने इस मामले में प्रधानमंत्री से स्पष्टीकरण मांगा है.
मारन पर आरोप है कि उन्होंने दूरसंचार मंत्री के पद पर रहते हुए अपने अधिकारों का दुरूपयोग किया और अपने परिवार के स्वामित्व वाले सन टीवी को लाभ पहुंचाया.
भाजपा के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘प्रधानमंत्री पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा को निर्दोष बताने की गलती पहले ही कर चुके हैं, जो अब जेल में हैं. प्रधानमंत्री को अब अपनी वह पुरानी गलती दोहराए बिना मलेशियाई कंपनी मैक्सिस समूह द्वारा सन टीवी समूह को लाभ पंहुचाने के मामले की जांच के तुरंत आदेश देने चाहिए.’
आरोप है कि एयरसेल में 74 प्रतिशत अंशधारक मैक्सिस की ओर से मारन बंधुओं के टीवी में 600 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया गया. प्रसाद ने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि मारन के दूरसंचार मंत्री रहते 2006 में किन परिस्थितियों में मैक्सिस ने एयरसेल का अधिग्रहण किया.
उन्होंने कहा, यह आरोप है कि मारन ने दूरसंचार मंत्री रहते एयरसेल के लाइसेंस और स्पेक्ट्रम संबंधी आवेदनों को मंजूरी नहीं दी थी. इसके चलते एयरसेल ने मारन के परिवार के करीबी मैक्सिस को अपने 74 प्रतिशत शेयर बेच दिए.
भाजपा ने कहा कि मारन को यह बताना चाहिए कि मैक्सिस ने उनके सन टीवी में जो निवेश किया, वह एयरसेल के 74 प्रतिशत शेयर खरीदने से पहले किया या बाद में. प्रसाद ने कहा कि अगर मैक्सिस ने मारन के परिवार के टीवी में निवेश किया तो क्या यह उनके मंत्री रहते हितों का सीधा टकराव नहीं था. उधर कांग्रेस ने मारन पर लगे आरोपों से अपना पल्ला झाड़ लिया.
पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि अगर कपड़ा मंत्री दयानिधि मारन से कोई सवाल किया गया है तो निश्चित रूप से इसका उत्तर देने के लिए वही सबसे उपयुक्त व्यक्ति होंगे. तिवारी ने साथ ही यह संकेत दिया कि मारन के कार्यकाल के दौरान की अगर कोई अनियमितता है तो 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले की जांच के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) इस पर गौर कर सकती है.