दिल्ली की एक अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और द्रमुक सांसद कनिमोई और कारपोरेट जगत के कई शीर्ष अधिकारियों समेत सभी 17 आरोपियों के खिलाफ उनकी विभिन्न भूमिका के लिये आरोप तय करने हेतु आज प्रथम दृष्टया साक्ष्य पाये हैं.
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अदालत ने राजा के पूर्व निजी सचिव आर के चंदोलिया और पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा के खिलाफ आरोप तय करने के लिये प्रथम दृष्टया सबूत पाये. इसके अतिरिक्त अदालत ने कहा कि राजा, बेहुरा और चंदोलिआ के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 409 के तहत विश्वास भंग करने के अपराध में आरोप तय करने के लिये सबूत हैं. इस अपराध के लिये उन्हें आजीवन कारवास की सजा हो सकती है.
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मामले में इस महत्वूपर्ण चरण के पूरा हो जाने के बाद आरोपी अब जमानत के लिये जा सकते हैं. जैसाकि इससे पहले कनिमोई की जमानत याचिका के मामले में उच्चतम न्यायालय ने माना था.
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विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओ पी सैनी ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों रिलायंस टेलिकॉम लिमिटेड, स्वान टेलीकॉम, और यूनिटेक (तमिलनाडु) वायरलेस लिमिटेड के खिलाफ आरोप तय करने के लिये साक्ष्य हैं.