scorecardresearch
 

2जी स्पेक्ट्रम पर सर्वदलीय बैठक कल, गतिरोध जारी

दूरसंचार मंत्री ए राजा के इस्तीफे के बावजूद 2-जी स्पैक्ट्रम मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच गतिरोध बना हुआ है जिसके चलते संसद के दोनों सदनों में आज चौथे दिन भी कार्यवाही ठप रही.

Advertisement
X

Advertisement

दूरसंचार मंत्री ए राजा के इस्तीफे के बावजूद 2-जी स्पैक्ट्रम मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच गतिरोध बना हुआ है जिसके चलते संसद के दोनों सदनों में आज चौथे दिन भी कार्यवाही ठप रही. दस नवंबर से जारी गतिरोध समाप्ति के लिए अब सरकार ने कल सर्वदलीय बैठक बुलायी है और उसके बाद ही मामले में कोई स्पष्ट तस्वीर सामने आने की उम्मीद की जा सकती है.

संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की विपक्ष की मांग को सरकार पहले ही ‘अर्थहीन’ बताकर ठुकरा चुकी है लेकिन अब उसने कोई न कोई रास्ता निकालने के लिए कल सभी प्रमुख दलों के नेताओं की बैठक बुलायी है. वित्त मंत्री तथा लोकसभा में सदन के नेता प्रणव मुखर्जी ने इन नेताओं को दोपहर के भोज पर आमंत्रित किया है.

Advertisement

2 जी स्पैक्ट्रम मामले में राजा के इस्तीफे से उत्साहित विपक्ष ने आज सरकार की घेराबंदी करने तथा उसकी और फजीहत कराने के मकसद से लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही नहीं चलने दी तथा दोनों ही सदनों में उसके ‘वी वांट जेपीसी’ के नारे गूंजते रहे. राजा सदन में नजर नहीं आए जो द्रमुक पार्टी से लेाकसभा के सदस्य हैं.

इस बीच, 2 जी स्पैक्ट्रम मामले में कैग की रिपोर्ट कल संसद में पेश किए जाने की संभावनाओं के बीच विपक्ष के तेवर और तीखे होने की आशंका है. रिपोर्ट में कहा गया है कि स्पैक्ट्रम आवंटन में कम मूल्य लगाए जाने से सरकार को 76 लाख करोड़ रूपये के राजस्व का नुकसान हुआ.

तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के करीब आने ने भी मामले को अधिक पेचीदा कर दिया है क्योंकि द्रमुक की कट्टर विरोधी अन्नाद्रमुक ने साफ कर दिया है कि वह जेपीसी का गठन होने तक संसद नहीं चलने देगी.{mospagebreak}

भाजपा के खिलाफ आक्रामक तेवर अपनाते हुए मुखर्जी ने कहा कि ‘जेपीसी की मांग कतई स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने सवाल दागा, ‘उन्होंने (भाजपा) ने अपने छह साल के कार्यकाल में तहलका समेत कितने मामलों में जेपीसी गठित की.’ लोक लेखा समिति के रूप में पहले ही ‘स्थायी जेपीसी’ होने की बात को रेखांकित करते हुए मुखर्जी ने कहा कि विपक्षी सदस्य की अध्यक्षता वाली पीएसी 2 जी स्पैक्ट्रम मामले में कैग रिपोर्ट का पूरा अध्ययन करेगी.

Advertisement

इस मसले पर विपक्ष के भारी हंगामे के कारण दोनों सदनों की बैठक स्थगित होने के तुरंत बाद गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने संवाददाताओं से कहा,‘‘ जेपीसी की मांग पूरी तरह बेमानी है. भाजपा को चाहिए कि वह सदन चलने दे.’ उधर भाजपा ने साफ कर दिया है कि जेपीसी की मांग माने जाने तक विपक्ष संसद नहीं चलने देगा.

चिदम्बरम ने कहा कि कैग रिपोर्ट संसद की पीएसी को भेजी जाएगी जिसमें सभी दलों का प्रतिनिधित्व है.

गृह मंत्री ने कहा, ‘कैग रिपोर्ट पीएसी के पास जाएगी. पीएसी क्या है? इसके अध्यक्ष विपक्ष के नेता हैं. वास्तव में सभी राजनीतिक दलों का इसमें प्रतिनिधित्व है.’ उन्होंने साथ ही कहा, ‘पीएसी को मामले की पड़ताल करने दें.{mospagebreak}
पीएसी में कैग रिपोर्ट पर व्यापकता में विचार विमर्श किया जाएगा.’ उधर, पीएसी के अध्यक्ष तथा वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने इस मामले में जेपीसी की विपक्ष की मांग का समर्थन किया. उन्होंने कहा,‘‘सभी मांगें अर्थपूर्ण हैं. कुछ भी बेमानी नहीं है.’’ उनसे गृह मंत्री के इस बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गयी थी जिसमें उन्होंने कहा था कि जेपीसी जांच की विपक्ष की मांग ‘बेमानी’ है.

इस बीच, माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य सीताराम येचुरी ने कहा,‘‘ यदि राजा संसद सत्र शुरू होने से पहले इस्तीफा देते तो स्थिति एकमद अलग होती. यदि ऐसा करना था तो उन्होंने इतना लंबा इंतजार क्यों किया. इसलिए यह सरकार की अकर्मण्यता है जिसके चलते यह स्थिति हुई.’

Advertisement

इस मसले में सरकार का विचार यह है कि जेपीसी से कभी मकसद हल नहीं हुआ. चाहे फिर बात बोफोर्स की हो या हषर्द मेहता मामले की.

उन्होंने कहा,‘‘ 1981 से अभी तक गठित चार जेपीसी उस मकसद को हासिल नहीं कर पायीं जिसके लिए इनका गठन किया गया था.’’ जेपीसी की पुरानी अवधारणा महत्वपूर्ण विधेयकों पर उन दिनों विचार विमर्श करने की थी जब विभाग संबंधी समितियां अस्तित्व में नहीं आयी थीं. अब 24 स्थायी समितियां हैं जो अपने आप में एक प्रकार की छोटी जेपीसी हैं.

इसके अलावा संसद की दो समितियां संसदीय प्राकक्कलन समिति और लोक लेखा समिति बेहद महत्वपूर्ण समितियां हैं. इस समय पीएसी की कमान भाजपा के एक वरिष्ठ और अनुभवी नेता के हाथ में है. एक सरकारी पदाधिकारी ने कहा कि जेपीसी की जरूरत क्या है. यदि जेपीसी गठित भी की जाती है तो इसका अध्यक्ष कोई संसद सदस्य ही होगा.

Advertisement
Advertisement