नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन पर मसौदा रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय के समक्ष पेश की गई. इस रिपोर्ट में यह संकेत दिया गया है कि 2जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में सरकार को 1.4 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है.
गैर सरकारी संगठन पब्लिक इन्टरेस्ट लिटिगेशन ने दो रिपोर्ट को मसौदा उच्चतम न्यायालय के समक्ष पेश किया. इन रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि स्पेक्ट्रम के आवंटन में अनियमितता बरती गई.
इसी एनजीओ ने गत आठ अक्तूबर को इस रिपोर्ट का कुछ हिस्सा शीर्ष अदालत में पेश किया था, जिसमें कहा गया था कि दूरसंचार मंत्री ए राजा द्वारा किए गए भेदभाव और बड़े पैमाने पर अनियमितता के मामले में दूरसंचार विभाग जवाब दे. याचिका में आरोप लगाया गया है कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला में 70,000 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है.
रिपोर्ट में लूप टेलीकाम तथा यूनिटेक वायरलेस को दिए गए स्पेक्ट्रम के मामले में प्रतिकूल टिप्पणी की गई है.
अपनी याचिका में एनजीओ ने हाल में कैग की दो रिपोटरें को भी शामिल किया है, जिसमें दावा किया गया है कि लूप टेलीकाम तथा यूनिटेक वायरलेस जैसी अपात्र कंपनियों को 2जी स्पेक्ट्रम का आवंटन किया गया.