टाटा समूह के मुखिया रतन टाटा ने कंपनियों के लिए सत्ता के गलियारों में समर्थन जुटाने वाली एक सख्शियत नीरा राडिया के साथ उनकी फोनवार्ताओं के टेप को लीक किए जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय की शरण ली है.
टाटा ने अपील की है कि लीक के जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए क्यों कि इससे उनके जीवन जीने के मूलभूत अधिकार का हनन हुआ है जिसमें निजता का अधिकार भी शामिल है.
टाटा ने अपनी याचिका में कहा है कि इस टेप को लीक किया जाना उनके मूलभूत अधिकारों का हनन है. साथ ही यह एक तरह से उनकी निजी जिंदगी में दखलंदाजी है. टाटा ने अपनी याचिका में केंद्र सरकार को भी पक्ष बनाया है.
नीरा राडिया की जनसंपर्क कंपनी ही टाटा समूह का जनसंपर्क का काम देखती है. समझा जाता है कि टाटा न्यायालय के समक्ष यह तर्क देंगे कि इस टैप में कुछ बातचीत बेहद निजी है और वह जांच का हिस्सा नहीं हो सकती.
टाटा ने न्यायायल से अपील की है कि यह तय किया जाए कि इस लीक के लिए कौन जिम्मेदार है.