सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि जिन दूरसंचार कंपनियों का लाइसेंस रद्द हो चुका है और जिन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम की ताजा नीलामी में भाग नहीं लिया है, उनको अपना परिचालन बंद करना होगा.
कोर्ट ने कहा कि लाइसेंस रद्द होने के बाद परिचालन जारी रखने वाली दूरसंचार कंपनियों को नवंबर, 2012 में हुई ताजा नीलामी के आरक्षित मूल्य के हिसाब से शुल्क चुकाना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2 फरवरी, 2012 के आदेश को स्पष्ट करते हुए कहा कि लाइसेंस रद्द करने का आदेश उन दूरसंचार कंपनियों पर लागू नहीं होगा, जिनके पास 900 मेगाहर्ट्ज बैंड का स्पेक्ट्रम है.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 2 फरवरी को 122 2जी लाइसेंस रद्द किए थे. ये लाइसेंस ए राजा के कार्यकाल में दिए गए थे. इस आदेश के खिलाफ कंपनियों ने पहले समीक्षा अर्जी भी दी थी, जिसे पिछले साल 3 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था.