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अपने डायरेक्टर रंजीत सिन्हा के खुलासे पर सीबीआई को कड़ी आपत्ति

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में 2जी घोटाले पर सुनवाई एक्शन से भरा रहा. सुनवाई के दौरान सीबीआई अपने बॉस यानी निदेशक डॉ. रंजीत सिन्हा के खिलाफ चली गई. दरअसल, रंजीत सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया था कि जांच एजेंसी के सीनियर अधिकारी संतोष रस्तोगी ही वो भेदिया हैं, जिसने वकील प्रशांत भूषण को दस्तावेज और फाइलों की टिप्पणी मुहैया कराई.

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सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा
सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में 2जी घोटाले पर सुनवाई एक्शन से भरा रहा. सुनवाई के दौरान सीबीआई अपने बॉस यानी निदेशक डॉ. रंजीत सिन्हा के खिलाफ चली गई. दरअसल, रंजीत सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया था कि जांच एजेंसी के सीनियर अधिकारी संतोष रस्तोगी ही वो भेदिया हैं, जिसने वकील प्रशांत भूषण को दस्तावेज और फाइलों की टिप्पणी मुहैया कराई.

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रंजीत सिन्हा द्वारा डीआईजी रस्तोगी को जासूस बताए जाने पर सीबीआई ने कड़ी आपत्ति जताई. इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने भी रंजीत सिन्हा को नाम के खुलासे को लेकर थोड़ा संयम बरतने को कहा. कोर्ट ने सीबीआई निदेशक के वकील विकास सिंह से कहा कि उन्हें नाम लेने से बचना चाहिए था. वे नाम लिए बिना कह सकते थे कि सीबीआई का ही एक अधिकारी प्रशांत भूषण को जानकारी उपलब्ध करा रहा है.

सुनवाई के दौरान विशिष्ट सरकारी वकील आनंद ग्रोवर ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सीबीआई डायरेक्टर ने 2जी केस को बर्बाद करने की कोशिश की. उनके द्वारा ऐसे हलफनामे दायर करने की कोशिश की गई जो यथास्थिति से ठीक उलट थे.

हालांकि, विशिष्ट सरकारी वकील आनंद ग्रोवर ने कोर्ट को यह भी बताया कि 2जी केस में उनकी नियुक्ति को लेकर सरकार ने अभी तक कोई नोटिफिकेशन नहीं जारी किया है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल का जवाब तलब किया.

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सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा के विजिटर डायरी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई अफसरों की भी खिंचाई की. सुनवाई में कई अफसरों की मौजूदगी पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अफसर अपने दफ्तर में काम करें. सीबीआई ज्वॉइंट डायरेक्टर आलोक तिवारी को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा, 'आप सीबीआई डायरेक्टर के एजेंट नहीं हैं. माउथपीस की तरह व्यवहार न करें.'

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